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उत्तराखंड पुलिस में दिखा कोरोना वैक्सीन का असर, भयंकर दूसरी लहर में 2400 संक्रमण के बावजूद सिर्फ 5 मौतें

देहरादून: भयंकर कोरोना महामारी में अपने कर्तव्यों के बखूबी पालन व लोगों की सेवा में उत्तराखंड पुलिस भी पीछे नहीं रही है। हालांकि इस दौरान उन्होंने अपने कई साथी पुलिस कर्मियों को भी खो दिया।

हालांकि दूसरी लहर आने से पहले उत्तराखंड पुलिस के कर्मियों ने टीकाकरण में भाग लिया जिसका असर ये रहा है अबकी बार विभाग के कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण नियंत्रित रहा।

उत्तराखंड पुलिस ने कोविड 19 की दूसरी लहर के दौरान नियमित पुलिसिंग की दैनिक चुनौतियों और कुंभ मेला आयोजित करने की अतिरिक्त चुनौती के बावजूद, उत्तराखंड पुलिस ने अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एक उल्लेखनीय काम किया है।

उत्तराखंड पुलिस ने विभाग के टीकाकरण के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि जनवरी से ही डीजीपी अशोक कुमार द्वारा अधिक से अधिक टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया था। नतीजतन, जबकि पहली लहर में हमारे लगभग 2000 जवान संक्रमित और 8 जवानों की मृत्यु हुई।

आगे बताया गया कि इस साल पूरे राज्य में केसों में 1500 से 9000 की वृद्धि के बावजूद, उत्तराखंड पुलिस केे लगभग 2400 जवान संक्रमित हुए और सिर्फ 5 जवानों की मृत्यु हुई, जिनमें से 03 ने वैक्सीन नहीं लगायी थी और 02 को गंभीर बीमारी थी।

मिशन हौसला से घर घर पहुंची मदद, मिली तारीफें

वहीं जनता की मदद के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाया गया अभियान ‘मिशन हौसला’ काफी सराहा गया। उत्तराखंड पुलिस ने अभियान के बारे में बताया कि डीजीपी अशोक कुमार निर्देशन में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आम जन की मदद के लिए दिनांक 01 मई 2021 से मिशन हौसला प्रारम्भ किया गया। मिशन हौसला में प्रत्येक जनपद व बटालियन में कोविड कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उनके नम्बर जारी किये गए।

मिशन मोड में 01 मई से 31 मई, 2021 तक कार्य करते हुए हमारे जवानों ने हर सम्भव सहायता प्रदान करने का कार्य किया, जिसके तहत पुलिस मदद करने और चाहने वालों के बीच समन्वय स्थापित कर सभी थानों को नोडल पाॅइन्टस बनाते हुए जरूरतमंद लोगों को दवाइयां, ऑक्सीजन, प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, राशन सहित हर जरूरी सेवा उपलब्ध कराई गई।

अब जिस प्रकार कोविड के केसों में कमी आयी है, उसी अनुपात में सहायता के लिए आने वाली काॅल में भी कमी आयी है। इसलिए मिशन हौसला को मिशन मोड में समाप्त कर रहे हैं, लेकिन हेल्पलाइन नम्बर पूर्व की भांति चलते रहेंगे और पुलिस द्वारा सहायता भी की जाती रहेगी।

मिशन हौसला के तहत इस एक माह में पुलिस सहायता हेतु कुल 31815 फोन काॅल प्राप्त हुई, जिन पर कार्यवाही करते हुए कुल 2726 लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर, 792 लोगों को अस्पताल प्रबन्धन से समन्वय कर अस्पताल में बेड, 217 लोगों को प्लाज्मा/ब्लड डोनेशन, 17609 लोगों को दवाईयां, 600 लोगों को एंबुलेंस की सुविधा दिलाने में मदद की गयी। साथ ही 94484 लोगों को राशन, दूध व कुक्ड फूड, 492 कोरोना संक्रमितों का दाह संस्कार और 5252 सीनियर सिटिजन से सम्पर्क कर उनकी सहायता की गयी। बहुत से सामाजिक संगठनों और व्यक्तियों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर मिशन हौसला को सहयोग किया गया।

मिशन हौसला को सफल बनाने में उत्तराखण्ड पुलिस के सभी अधिकारियों एवं जवानों ने दिन-रात एक कर मानव सेवा के लिए कार्य किया है। मरीजों तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाना हो या उनको अस्पताल ले जाकर बेड दिलाना। जरूरतमंदों की भूख मिटाना हो या उन्हें अस्पताल या घर पहुंचाना। हमारे जवान हर मोर्चे पर तन्मयता से जुटे रहे।

इस दौरान उत्तराखंड पुलिस के 2382 पुलिसकर्मी एवं उनके 751 परिजन भी कोरोना से संक्रमित हुए, जिसमें से 05 जवानों एवं 64 परिजनों की मृत्यु हुई। इसके बावजूद भी हमारे जवान अपनी ड्यूटी पर अडिग रहे।

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