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MP: PSC में 22% ‘जनरल’ सीटें निगल गया आरक्षण, फ़ीस 200% अधिक देना होगा ?

भोपाल (MP) : पहले देर से आए दूसरा सीट कम करके आए PSC 2019 के विज्ञापन में आरक्षण की गड़बड़ी की गई है।

MP के युवाओं के लिए रोजगार के बाग़ों में बहार नहीं है बल्कि हार दिख रही है, युवा लगभग 2 साल से इंतजार कर रहे थे कि कब अगला विज्ञापन आएगा और हम जिसके लिए घर बार माँ बाप छोड़कर पराए शहर में रातों को आखें फोड़ रहे हैं वो नौकरी की तारीख आखिर कब आएगी ?

MPPSC, Bhopal MP

आपको बता दें कि पिछले साल दिसंबर 2018 में कमलनाथ वाली काँग्रेस सरकार आई पहले 15 सालों तक शिवराज सिंह वाली BJP की सरकार रही और पहले भी राज्य के युवाओं के लिए क्या हालात थे वो बच्चे ख़ुद जानते हैं वो अलग बात है नेताओं पार्टियों के भाषण में सब कुछ वेरी गुड वेरी गुड ही रहता है |

इधर लगभग 1 साल से सरकार चला रहे नाथ भी युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने से ज्यादा आरक्षण बढ़ाकर मध्यप्रदेश का नाम ऊंचा कर रहे हैं |इसी का कारण था कि राज्य की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा MPPSC 1 साल की देरी के बाद आई | आपको बता दें कि 2018 PSC का विज्ञापन 12 दिसम्बर 2017 को तो 2019 PSC का विज्ञापन 14 नवम्बर 2019 को आया | इसका कारण था MP में आरक्षण की सीमा बढ़ाना बाद में मामला कई बार कोर्ट पहुंच गया |

अब जब देर से ही सही PSC की भर्ती आई है उसमें कुल 330 पद हैं जबकि अनारक्षित श्रेणी की आवेदन फ़ीस 500 से बढ़ाकर सीधे 1500 कर दी गई है। हालाँकि आरक्षित श्रेणी व दिव्यांगों के लिए ये फ़ीस आधी यानी 750 रूपए है |

MPPSC 2018 vs 19 Fee Analysis

ये अजीब बात है कि जहाँ सरकार नें सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि प्रतियोगी परीक्षाओं फ़ीस घटाई जाएगी बल्कि किया इसके उलट और सीधा 3 गुना फ़ीस बढ़ाई |

MP Congress Manifesto 2018 For Youths

अब आते हैं सीट की ओर तो आरक्षण बढ़ाने के साथ सीट भी 202 से बढ़ाकर 330 की गई हैं लेकिन कई अभ्यर्थियों नें बताया है कि सीटों के प्रतिशत में काफ़ी गड़बड़ी की गई है | हालाँकि रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पुलिस व प्रशासन पदों की ख़ाली संख्या करीब 1 हजार है|

हालाँकि ये सिर्फ़ शिकायत नहीं है ये तथ्यों पर आधारित है हमनें जब इस चीज की खोजबीन की तो हमें पता चला कि सीटों में अनारक्षित श्रेणी को खासा बट्टा लगा है | क्योंकि इस बार जो 330 सीटें हैं उनमें पिछली बार के तुलना में 50.5% से सीधे 28.5 पर आ गया, यानी पूरा 22% सीट का हिस्सा बढ़ा हुआ आरक्षण ले गया |

आपको तालिका से समझाते हैं कि 2018 व 19 में सीट कैसे बदलीं :

साल श्रेणी- UR SC ST OBC EWS 

18  50.5% 17% 20% 13% 00% (NA)

19 28.4% 12.4% 19.5% 32.4% 5.7%   

इस तालिका से साफ़ समझ सकते हैं कि आरक्षण में हेर फेर की गई है और इसमें अनारक्षित युवाओं को घाटा सहना पड़ेगा जबकि OBC  आरक्षण को लेकर सवाल उठाए गए हैं कि इसे कोर्ट में चुनौती दी गई है इसके बावजूद 14 % प्रतिशत की जगह 32.5 किया गया है | जबकि चुनावी वादे में आरक्षण की सीमा 27 प्रतिशत बढ़ाने की थी | अर्थात 27 प्रतिशत भी माना जाए तो उससे भी 5% ज्यादा आरक्षण दे दिया गया | वहीं SC का आरक्षण भी 17 से कमकर 12.5 है |

MPPSC 2018 vs 19 Quota Analysis

हालाँकि PSC की सचिव रेणु पंत नें आरक्षण के बारे में कहा कि “आरक्षण हम तय नहीं करते, हमे जिस विभाग से जिस वर्ग के लिए जितनी सीटें बताई जाती हैं उतनी ही देते हैं |”

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