नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में पंचायत व नगरीय निकाय के चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट से सरकार को झटका लगा है। आदेश में सर्वोच्च न्यायलय ने चुनावों को बिना आरक्षण के कराये जाने का निर्देश दिया है। साथ ही चुनाव आयोग को 2 हफ्ते में अधिसूचना जारी करने का कहा है। जया ठाकुर और सैयद जाफर की याचिका पर है आदेश दिया गया है।
ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना है। अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% एसटी और 16% एससी का आरक्षण रहेगा।
रिव्यु पेटिशन होगी दाखिल
पंचायत चुनाव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेंगे। सरकार रिव्यू पिटीशन दायर करेगी।
राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने की अनुशंसा सरकार से की थी। इस आशय की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी प्रस्तुत की गई थी। इस मामले में सरकार पहले ही कह चुकी है कि हम माननीय अदालत के निर्देशानुसार चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।