एमपी पेंच

शिवराज का अपना, अपना ही न रहा

सीएम के बेहद करीबी हुए कांग्रेस के, कहा शुक्रिया कमलनाथ जी आपनें मुझे गले लगाया

भोपाल : सूबे की गलियों में चुनावी शोर अब और जोर पकड़ने लगा है इधर पार्टियों में भी हलचल बढ़ चुकी है । हिंदी के सबसे चहेते और बेहद लोकप्रिय कवि व राजनेता के वो लब्ज़ याद आ जाते हैं कि ” सियासत में तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता “ और ये बातें अब एमपी की सियासी गलियों में भी देखने को मिली । असल में बात यह है कि शिवराज सिंह की पत्नी यानी साधना सिंह के भाई अब उनकी पार्टी के नहीं रहे । बल्कि उस पार्टी का दामन थाम लिया जिसको कभी वह पसंद नहीं किया करते रहे होंगे ।

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शिवराज ना कमलनाथ हां : संजय सिंह मसानी 

शनिवार को नईदिल्ली में कांग्रेस द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई । जिसमें कई कांग्रेसी दिग्गज जैसे प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया मौजूद थे  । इसी बीच आज पराई पार्टी व एमपी के मुख्यमंत्री के बेहद करीबी रिश्तेदार संजय सिंह मसानी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया । इसके लिए उन्होंने कांग्रेस का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि  “अब सूबे में शिवराज की नहीं बल्कि कमलनाथ की जरूरत है ” |

Sanjay Singh
नामदार कम कामदार आउट के टैग वाली पार्टी हुई बीजेपी : आरोप 
सीएम के साले संजय सिंह नें कांग्रेस का दामन थामते ही शिवराज सरकार पर ओले बरसाने शुरू कर दिए । बीजेपी द्वारा हाल ही में जारी पहली सूची पर उन्होंने जमकर हमला बोला और कहा कि ” हम जिस वंशवाद के खिलाफ लड़ रहे थे आज वही वंशवाद बीजेपी में फल फूल रहा है । अब नेताओं के शहजादों को टिकट मिल रही है और हम जैसे कामदार कार्यकर्ता पार्टी के लिए कोई मायने नहीं रखते । ” उन्होंने पीएम के नामदार व कामदार वाले बयान के जरिए उन्हीं के पार्टी पर तंज कसते करते हुए नसीहत दे डाली।
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बहुत हुआ अब दूसरों को भी मौका दो : 
संजय सिंह यहीं नहीं रुके और उन्होंने प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या पर भी सवाल उठाया और इसके लिए सीधे शिवराज सरकार को कटघरे में खड़ा किया । फिर उनका कहना था कि ” अब 13 साल बहुत हो चुके अब दूसरों को भी मौका मिलना चाहिए । ” खैर अब इस घटनाक्रम के बाद सूबे की सियासत की दिलचस्पी और बढ़ गई है लेकिन इसका परिणाम क्या होता है यह देखने वाली बात होगी ।

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