दिल्ली एनसीआरसनसनाती खबर

दिल्ली सरकार द्वारा अस्पतालों में दिए गए आरक्षण पर हाई कोर्ट ने दिया झटका

फ्री दवाई, फ्री चेकउप और 80% बेड दिल्लीवासियों के लिए निर्धारित किये थे

दिल्ली(भारत):- दिल्ली की केजरीवाल सरकार दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकारी अस्पताल गुरु तेग बहादुर(जीटीबी) में दिल्ली के लोगों को दिए जाने वाले स्पेशल ट्रीटमेंट को निराधार बताया है।

दिल्ली सरकार ने एक योजना के तहत अस्पतालों में दिल्लीवासियों के लिए एक तरह का आरक्षण दिया था,जिसके अंतर्गत फ्री दवाई, फ्री चेकउप और 80% बेड दिल्लीवासियों के लिए निर्धारित किये थे, परन्तु यह निर्णय आपातकालीन सुविधाओं पर लागू नहीं था।

केजरीवाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि “जैसे ही हमने जरूरतमंद दवाइयों के वितरण को मुफ्त कर दिया, दिल्ली के अस्पतालों में भीड़ दोगुनी हो गयी थी”। उन्होंने कहा कि पहले रोजाना 5 हजार से साढ़े 5 हजार लोग आते थे, जो कि बाद में 9 हजार से 10 हजार हो गए।

सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि,”दिल्ली सरकार जीटीबी अस्पताल में दिल्लीनिवासियों को सुविधाएँ प्रदान करने के मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट से असहमत है और इस फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी”। उन्होंने कहा कि लोग सरकार को टैक्स देते है, तो सरकार की भी जिम्मेदारी है कि उन्हें बेहतर सुविधाएँ दें।

जीटीबी अस्पताल दिलशाद गार्डन में स्थित है, जहाँ पर बढ़ी मात्रा में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लोग इलाज कराने के लिए आते है क्योकि उनके यहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव है। जीटीबी अस्पताल दिल्ली-यूपी बॉर्डर के नजदीक है।

दिल्ली के बीजेपी मुखिया मनोज तिवारी का कहना है कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के फ़ैसले के खुश है, जिसमे कोर्ट ने कहा है कि “दिल्ली देश की राजधानी है और सभी का स्वास्थ्य सुविधाओं पर समान अधिकार है।

हम आपको बताते चलें इस योजना कि इलाज प्रक्रिया क्या थी,”अस्पताल में आपको फ्री दवाई, फ्री चेकउप तभी मिलेंगे जब आप अपना वोटर आईडी कार्ड दिखाएंगे और वोटर आईडी कार्ड दिल्ली का ही होना चाहिए, वरना आपको सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा”।

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button