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सामान्य वर्ग के लिए सिविल सर्विस में अपर लिमिट 30 नहीं, 27 साल हो : नीति आयोग

19 दिसंबर को नीति आयोग नें जारी किया "स्ट्रेटजी फार न्यू इंडिया @75" रिपोर्ट , नौकरशाही में नए व प्रतिभाशाली युवाओं को लाने के लिए 2022-23 तक धीरे-धीरे उम्मीदवारों की उम्र कम हो

नईदिल्ली : केंद्र में विराजमान मोदी सरकार के लिए थिंक टैंक का काम करने वाली संस्था यानी नीति आयोग नें सरकार को अपने कई सुझाव दिए हैं | भविष्य के भारत के लिए योजना बना रही नीति आयोग नें 2022- 23 तक मजबूत व शसक्त नौकरशाही के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित नए व युवा उम्मीदवारों की भर्ती जैसे सुझाव दिए हैं |

सिविल सर्विस में प्रवेश उम्र सामान्य उम्मीदवारों की अधिकतम 30 नहीं, 27 हो :

थिंक टैंक संस्था नें अपनी शिफारिशों में केंद्र सरकार से एक बहुत बड़ा बदलाव करने को कहा है | इसके अनुसार सिविल सर्विसेज में सामान्य वर्ग के उमीदवारों के लिए परीक्षा देने की उम्र अब 30 साल नहीं हो बल्कि इसको घटाकर 27 साल किया जाए |


हालांकि इसके पीछे की मंशा है कि देश के सभी सिविल सर्विसों में नौकरशाही के लिए ज्यादातर युवाओं को मौका मिले क्योंकि देश की एक तिहाई आबादी 35 साल से कम उम्र के लोगों की है |

इसमें दूसरा सुझाव है कि देश व राज्य की सभी 60 सिविल सर्विसों को एक करके सभी के लिए कामन परीक्षा हो जोकि अभी तक 60 भागों में बटा है |

सर्विस में लेटरल भर्ती व सेंट्रल पूल बनाए जाए : शिफारिश

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली ] नीति आयोग नें इस बैठक में भविष्य के लिए एक एजेंडा तैयार किया है | इसके तहत एक सेंट्रल पूल बनाए जाने की शिफारिश भी है जिसके द्वारा उमीदवारों को योग्यता व अनुभव के अनुसार देश की सभी सर्विसों में जिम्मेदारियां सौंपी जा सकें |


इसके अलावा इनमें लेटरल एंट्री की भी व्यवस्था की जाए जिसमें कई विशेष क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को भी काम करना का मौका मिल सके |

ये सभी योजनायें न्यू इंडिया के तहत बनाई जा रही है हालांकि इसमें अमल करने के लिए सरकार कितना वक्त लेती है ये देखना होगा ?

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