एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज होने के बाद सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर ने की आत्महत्या, न्याय के लिए महापंचायत का आयोजन
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हिसार- हरियाणा के हिसार जिले में बीते दिनों 17 मार्च को एक सेवानिवृत जीआरपी सब इंस्पेक्टर रघुबीर सिंह ने हिसार-बरवाला रेलवे लाइन पर ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी थी, जहां पोस्टमार्टम के बाद मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने शव लेने से इनकार कर दिया था। आरोप है कि एससी एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज होने और साथी पुलिसकर्मियों से परेशान होकर मृतक रघुबीर सिंह यह कदम उठाया हैं। इतना ही नहीं मृतक रघुबीर सिंह ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था, जिसमें रेलवे एसपी संगीता कालिया सहित 5 अन्य पुलिस कर्मचारियों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था।
जानिए क्या है पूरा मामला?
मृतक रघुबीर सिंह के साले सूबे सिंह ने जीआरपी पुलिस थाना प्रभारी को तहरीर देते हुए बताया कि उसके जीजा रघुबीर सिंह हरियाणा जीआरपी पुलिस हिसार में एसआई के पद पर, कार्यरत थे, जो बीते महीने 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत हुए थे। सूबे सिंह का कहना है कि उसके जीजा रघुबीर सिंह उसे बताते थे कि जीआरपी पुलिस हिसार के कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा बिचपड़ी गांव के कुछ लोगों से रिश्वत ली गई थी, जिसको रघुबीर सिंह ने वापस करवाया था और तभी से जीआरपी के कुछ पुलिसकर्मी उससे रंजिश मानते हुए उसे परेशान कर रहे थे।
आरोप यह भी है कि इसी रंजिश के चलते जीआरपी पुलिसकर्मी सुरेन्द्र व महेन्द्र ने एसएचओ नरेश के साथ मिलकर एक झुठी रिर्पोट तैयार करके जीआरपी पुलिस के डीएसपी से रघुबीर सिंह को कारण बताओ नोटिस भी जारी करवाया था, जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने रघुबीर सिंह का तबादला पहले चंडीगढ़ और कुछ समय बाद वापस हिसार में करवा दिया था।
सूबे सिंह ने बताया कि हिसार आने के बाद से ही आरोपी पुलिसकर्मी उसे परेशान कर रहे थे, और आरोपियों द्वारा तंग आकर रघुबीर सिंह ने 142 दिनों का अवकाश भी लिया था। जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों के द्वारा रघुबीर सिंह के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करवा दी। इतना ही नहीं सूबे सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि इस पूरे मामले में एसपी संगीता कालिया भी शामिल हैं।
महापंचायत का आयोजन
वहीं इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए आक्रोशित ग्रामीणों ने हिसार प्रशासन को शनिवार सुबह 10 बजे तक अल्टीमेटम देते हुए सुसाइड नोट में नामजद आरोपित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद शनिवार को पुनः 14 गाँव की महापंचायत का आयोजन किया गया था, लेकिन प्रशासन द्वारा फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया था।