इन्वेस्टीगेशन: किसान आंदोलन के लिए भारत विरोधी ताकतों द्वारा हो रही विदेशी फंडिंग, 5 विदेशी संगठन है जिम्मेदार
नई दिल्ली: दिल्ली में बीते कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलन ने जहां सभी सुख सुविधाओं का एहसास करते हुए हिंसा तक पहुंचने का अपना सफर तय किया तो वहीं आंदोलन में आ रही भारी आर्थिक सहायता पर भी कई प्रश्न खड़े हो रहे है। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में उन सभी सवालो का जवाब आपको देंगे जिसको कोई भी मीडिया न तो बता पा रही है और न ही दिखा रही है।
वहीं हाल ही में रिहाना व ग्रेता की ओर से समर्थन में किये ट्वीट ने भारत सरकार की भी नींद उड़ा दी है। जिसके बाद सरकार को विदेशी ताकतों को रोकने के लिए अपील तक करनी पड़ गई। इस रिपोर्ट में हम आंदोलन के पीछे के मुख्य चेहरे, फंडिंग व इसके उद्देश्य से पर्दा उठाएंगे।
पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के बैनर तले जुट रहा है समर्थन
देश में जहां राकेश टिकैत को चेहरा बनाया जा रहा है तो वहीं विदेशी तौर पर इसे पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन नाम की संस्था प्रोमोट कर रही है। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन(PJF) शुरू से ही इस आंदोलन का हिस्सा रही है जब आंदोलन पंजाब से चला ही था। PJF को खालिस्तानी समर्थक एक ग्रुप माना जाता है। PJF की वेबसाइट पर आप जब जाएंगे तो वहां सिर्फ किसान आंदोलन के समर्थन में जुड़ा हुआ एक सन्देश आपको प्राप्त होगा। ज्ञाता होकि यह संस्था भी मात्र 6 महीने पहले ही बनाई गई थी। जानकारी के अनुसार 2020-02-06 को इस वेबसाइट को रजिस्टर किया गया था जोकि Skyrocket Digital Inc नाम की एक कंपनी का ही एक अंग है। पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन को किसान आंदोलन के लिए ही खालिस्तानी समर्थको ने तैयार किया था जोकि भारत में अस्थिरता पैदा करना चाह रहे है।
Skyrocket Digital Inc कंपनी खालिस्तानी समर्थक सांसद जगमीत सिंह की है कैंपेन मैनेजर
जब हमारी टीम ने पोएटिक फॉर जस्टिस से सम्बंधित Skyrocket Digital Inc के बारे में जानकारी जुटाई तो पाया कि यह कंपनी खालिस्तानी समर्थक व सांसद जगमीत सिंह की कैंपेन मैनेजर है।
वर्ष 2017 में पुरे कैंपेन को डिज़ाइन व जगमीत सिंह को संसद तक पहुंचाने में Skyrocket Digital Inc ने अहम भूमिका निभाई थी। जोकि इस समय किसान आंदोलन में बढ़ चढ़ कर भागीदार बन रही है।
skyrocket के माध्यम से खालिस्तानी नेता जगमीत सिंह सीधे किसान आंदोलन से जुड़ रहे है। इन्ही के दबाव में कनाडा के प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन के पक्ष में सबसे पहले बयान जारी किया था।
खालिस्तानी समर्थक Mo धालीवाल से जुड़े है तार, जिनके नाम पर रजिस्टर है पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन
हमने अपनी जाँच में पाया कि धालीवाल ही पुरे आंदोलन के सरगना है जोकि सांसद जगमीत सिंह के बेहद नजदीकी है। SDI भी धालीवाल के द्वारा बनाई गयी एक कंपनी है जोकि कनाडा के वैंकुवर में स्थित है। धालीवाल के नाम से कुल 10 डोमेन रजिस्टर है जिसमे SDI भी शामिल है। इसी के साथ http://radicalmind.com/ व https://www.wearesikhs.org/ भी धालीवाल से जुडी दो कंपनी है। जिसमे https://www.wearesikhs.org/ इस आंदोलन में बढ़ चढ़ कर फंडिंग जुटा रही है। वी आर सिख्स का पूरा जोर विदेशी ताकतों को आंदोलन से जोड़ने पर लगा हुआ है।
धालीवाल है कट्टर खालिस्तानी समर्थक, किसान आंदोलन से जुड़े सभी पोस्टर, बैनर, हैशटैग व ट्विटर ट्रेंड की करते है देख रेख
धालीवाल के बारे में जब हमने जानना चाहा तो इनके तार खालिस्तान से जुड़े मिले। कई खालिस्तानी समर्थन वाले आंदोलन में दिखने वाले धालीवाल कई बार इसपर ट्वीट भी कर चुके है। उन्होंने हाल ही के एक ट्वीट में कहा था कि “अभी सिख भारत विरोधी दिख रहे है जोकि अच्छा है।”
ज्ञात होकि धालीवाल की skyrocket कंपनी ब्रांडिंग व कैंपेन मैनेजमेंट के लिए जानी जाती है। इसलिए विदेशी तौर पर इसको दिखाने में धालीवाल ने अपनी कंपनी का प्रयोग कर रिहाना, ग्रेता व मिया खलीफा से भी किसान आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करवा दिया। आपको बता दें कि धालीवाल ने इसके लिए सांसद जगमीत सिंह के नेटवर्क भी प्रयोग किया है।
इसी क्रम में धालीवाल बड़े बड़े मीडिया संस्थानों में जाकर भी इंटरव्यू दें रहे है जिसमे वह किसान आंदोलन पर मुख्य तौर चर्चा कर विदेशो ताकतों से इससे जोड़ रहे है। हाल ही में ग्लोबल न्यूज़ में जाकर धालीवाल ने किसान आंदोलन पर अपना पक्ष रखा था। न्यू यॉर्क टाइम्स व CNN में भी चर्चा का कारण धालीवाल रहे है।
दुनिया भर के नेताओं व सितारों को जोड़ने के लिए भेजे गए लाखो रेडीमेड किसान आंदोलन के पत्र
धालीवाल की कंपनी द्वारा कई मेल के माध्यम से भी बड़े बड़े नेताओं व सितारों को किसान आंदोलन पर ट्वीट करने को मजबूर किया गया। इसी के साथ दुनिया भर के देशो के सांसदों को भी इससे जोड़ा जा रहा है।
जिसके लिए दो तरह के कैंपेन शुरू किये गए थे। एक जिसमे लोग अपने अपने सांसदों को पत्र भेज सके व वाइट हाउस को भी इस मुद्दे पर समर्थन देने को विवश करने के लिए अलग से एक कैंपेन को डिज़ाइन किया गया था।
बीते महीनो में बनाये गए है किसान आंदोलन पर हजारो अकाउंट, सभी कनाडा से हो रहे है संचालित
हमारी टीम ने कई ऐसे इंस्टा अकाउंट खोज निकाले है जोकि पल पल की अपडेट व प्रोपेगंडा को इंस्टा, फेसबुक व ट्विटर से संचालित कर रहे है। सभी अकाउंट या तो कनाडा से संचालित हो रहे है या फिर यूके या अमेरिका से। ऐसा ही एक ग्रुप किसान एकता है जोकि 13 दिसम्बर को को वजूद में आया था।
न सिर्फ अकाउंट बल्कि इसके लिए एक वेबसाइट https://www.kisaanekta.co/ भी बनाई गयी है। जिसमे टिकैत के समर्थको की लगी एक फोटो आपको होम पेज पर मिल जाएगी। किसान एकता की वेबसाइट भी मात्र दो महीने पहले(2020-12-01) ही बनाई गयी है जोकि कनाडा से संचालित की जा रही है।
वहीं किसान एकता के डोनेशन पेज पर आपको किसान आंदोलन की भारी फंडिंग का चिट्ठा भी प्राप्त हो जायेगा।
किसान एकता वेबसाइट में आपको चार तरह से भारत के बाहर से बैठे बैठे ही आंदोलन में जुड़ने के तरीके बताये जा रहे है।
जिसमे सोशल मीडिया पर पोस्ट करना व दुनिया भर के नेताओं को किसान बिल के विरोध में पत्र भेजना सबसे अहम है। किसान एकता के अलावा ‘हिम्मत को’ नाम के इंस्टा हैंडल को भी खालिस्तानी ग्रुप से जुड़ा पाया गया है।
जब हमने हिम्मत को के बारे में खंगाला तो हमें एक लिंक मिला जहां उनके कई डिजिटल प्रोग्राम के चलाने की जानकारी प्राप्त हुई। जिसमे से एक में किसान एकता की वेबसाइट को भी प्रमोट किया जा रहा है। वहीं विवादित ‘आस्क इंडिया व्हाई’ वेबसाइट पर भी जाने को कहा जा रहा है जोकि खालिस्तानी समर्थक धालीवाल से जुडी है।
आगे ‘हिम्मत को’ अक्षय कुमार की कनाडाई नागरिकता को भी हटाने के लिए एक पिटीशन चला रहा है क्यूंकि उन्होंने किसान बिल का समर्थन किया है।
इसी क्रम में ‘हिम्मत को’ की वेबसाइट पर जब हमने जाकर देखा तो हमें कंपनी की फाउंडर जाग्रित के बारे में पता चला जोकि धालीवाल की पोएटिक जस्टिस में बतौर कम्युनिटी स्पेशलिस्ट के तौर पर कार्य करती है।
इसी के साथ वह किसान एकता संगठन से भी जुडी है जोकि महज दो महीने पहले ही वजूद में आया है। जागृत भी कनाडा की रहने वाली है।
दुनिया भर में होने वाले सभी किसान आंदोलन पर जानकारी दें रहा है bckisaanevents
किसान एकता के द्वारा बनाये गए एक अन्य इंस्टा व ट्विटर अकाउंट bckisaanevents किसान आंदोलन पर बढ़ चढ़ कर ट्वीट व पोस्ट हो रहे है। इस अकाउंट को भी कनाडा से ही संचालित किया जा रह है।
यह ग्रुप कनाडा में प्रमुख स्थानों पर भारत की छवि धूमिल करने के मकसद से कार्य कर रहा है। ज्ञात होकि bckisaanevents ग्रुप कनाडा में किसान आंदोलन के समर्थन के नाम पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लगवा रहा था।
5 विदेशी संस्थान जुटा रहे है किसान आंदोलन के लिए पैसा
किसान आंदोलन के नाम पर आलिशान तरीके से पिज़्ज़ा, बर्गर, दारु व मसाज कराने वाली मशीनों को देख कर सभी लोग आंदोलन की फंडिंग के बारे में जानने में उत्साहित थे। जिसपर जब हमने गहन जांच करी तो पाया कि इसके लिए 5 विदेशी संस्थाए मुख्य तौर पर कार्य कर रही है।
इनमे से पहली संस्था का नाम 5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन है जोकि ग्राउंड पर बहुत ही अधिक सक्रिय है। https://www.5riversheart.org/ टोरंटो में रजिस्टर्ड एक कंपनी है जिसने किसान आंदोलन पर ही अपनी वेबसाइट बदल डाली है। इस संस्था की वेबसाइट खुलते ही आपसे किसान आंदोलन के लिए डोनेशन देने को कहा जाता है। आपको बता दें कि इनके चीफ सस्टेनेबिलिटी अफसर संग्राम सिंह आंदोलन स्थल पर ही मौजूद रहते है।
दूसरी संस्था SAF: SIKHI AWARENESS FOUNDATION भी एक कनाडा में स्थित संस्था है जोकि पुरे किसान आंदोलन को आर्थिक सहायता दें रही है। SAF भी आंदोलन स्थल पर ही मौजूद है।
UNITED SIKH
यूनाइटेड सिख्स पर मिली जानकारी के मुताबिक UNITED SIKH बड़ी मात्रा में किसान आंदोलन में फंडिंग कर रहा है। यह संगठन भी भारत के बाहर ही रजिस्टर्ड है।
सहायता
अमेरिकी संस्थान सहायता भी किसान आंदोलन में भारी आर्थिक सहायता देने के लिए कार्य कर रहा है। वेबसाइट पर मिली जानकरी के अनुसार सहायता न्यूनतम 40 लाख रूपए किसान आंदोलन को दें रहा है जिससे किसान आंदोलन बिना रुके कई महीनो तक चलता रहे। आपको बता दें कि यह संगठन कनाडा से भी चलाया जाता है जिसकी देख रेख सैंडी ग्रेवाल करते है।
सहायता के साथ पाकिस्तान स्टूडेंट एसोसिएशन व मुस्लिम स्टूडेंट एसोसिएशन भी आंदोलन के लिए फण्ड पहुंचाने में मदद कर रही है।
खालसा ऐड
यूके स्थित खालसा ऐड किसान आंदोलन के शुरू से ही आंदोलन में भारी फंडिंग कर रहा है। जिसकी जानकारी दो महीने पहले बनाई गई किसान एकता वेबसाइट पर भी दी गई है। किसान आंदोलन में चल रही फंडिंग के सभी स्रोत भारत के बाहर से मिले है। 5 विदेशी संस्थाओ के माध्यम से किसान आंदोलन में अंधाधुन्द पैसा भेजा जा रहा है जिससे आंदोलन को काफी लम्बा खींचा जा सके। इन संस्थाओ के माध्यम से दुश्मन देशो के भी आंदोलन में पैसा भेजने के आसार काफी अधिक जोकि भारत में अस्थिरता बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे है।