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मुग़लिया फ़रमान पे शेरनी बन कोर्ट से भिड़ीं रिचा, कहा- ‘नहीं बाटूंगी क़ुरान, कल इस्लाम भी कबूल लूँगी क्या…?’

झारखंड : रांची की एक कोर्ट नें बीकाम छात्रा रिचा को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचानें वाले केस में अजीबोगरीब शर्त रखी गई

रांची (झारखंड) : 5 क़ुरान बांटने वाले कोर्ट के फरमान पर रिचा भारती नें साफ़ साफ़ मना करते हुए पूछा कि कल को इस्लाम भी अपनाने को कहोगे ?

झारखंड की राजधानी रांची की एक कोर्ट इस समय ख़बरों में है, हो भी क्यों न काम जो ऐसा किया है | दरअसल रांची की बीकाम छात्रा रिचा भारती को पिछले दिनों रांची की एक अदालत नें जेल से रिहाई की शर्त में धार्मिक प्रचार करने को कहा था |

इस पर रिचा और उनके परिवार जनों नें सख्त एतराज़ जताया है कोर्ट के इस मामले को चुनौती देने के लिए वो हाईकोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटा सकती हैं |

उधर एक रिपोर्ट के अनुसार उनको कोर्ट में मुकदमा लड़ने के लिए लोग आर्थिक रूप से मदद भी कर रहे हैं और घंटो में ही काफ़ी राशि जमा की जा चुकी है |

विवाद बढ़ने का कारण तब बना जब आरोपों के मुताबिक कोर्ट नें रिचा से कहा कि आपकी रिहाई की जा रही है लेकिन शर्त है कि 15 दिन के अंदर आपको क़ुरान की 5 प्रतियाँ बांटनी पड़ेंगी |

रिचा नें इसको सीधे तौर पर नकारते हुए कहा कि “मुसलमानों से बैर नही है, हम अल्लाह , राम दोनों को मानते हैं | किसी धर्म के लोगों को ठेस पहुंचाने के मकसद से पोस्ट नही कर रहे थे. लेकिन कोर्ट ने जमानत के दौरान जो पांच कुरान बांटने को कहा है, वो मैं नही बांटूंगी | आज कुरान बांटने को कहा जा रहा है, कल इस्लाम अपनाने को कहा  जाएगा |

इसके आगे रिचा ने कहा कि “दूसरे धर्म के लोग गंदी तस्वीरों के साथ दूसरे धर्म के बारे में पोस्ट कर रहे हैं, सोशल मीडिया पर उन पर तो कोई कार्यवाही नही की जा रही है, उनसे ऐसे काम तो नहीं करवाए गए |”

उधर मामले में राजनीति भी शुरू हो चुकी है, झारखंड बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि “कोर्ट का फैसला स्तब्ध करने वाला है, इस तरह का फैसला न हमने कभी देखा और न कभी सुना |”

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