बीजेपी विधायक के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करना पत्रकार को पड़ा महंगा, एससी एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
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फतेहाबाद- हरियाणा के फतेहाबाद जिले से एक चौंकाने और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पत्रकार को बीजेपी विधायक के खिलाफ फेसबुक पोस्ट करने के आरोप में एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया हैं। आपको बता दे कि रतिया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने सदर थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि पत्रकार जसपाल सिंह के द्वारा उनके पिता विधायक लक्ष्मण नापा की राजनैतिक छवि को धूमिल कर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला?
आपको बता दे कि टीवी पत्रकार जसपाल सिंह ने 16 मार्च को एक फेसबुक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने एक केस का जिक्र करते हुए लिखा कि “विधायक के जुआरी ठिकाने पर ADGP कि रेड और विधायक का जुआरी यार मौके पर था लेकिन फिर भी FIR से नाम गायब” जो वाट्सएप और फेसबुक पर वायरल हो गया है। जिसकी जानकारी लगते ही बीजेपी विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने 18 मार्च को सदर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, उन्होंने बताया कि पत्रकार जसपाल सिंह के द्वारा सट्टे के एक मामले में पिता की संलिप्तता बताते हुए उनकी राजनैतिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया हैं।
बीजेपी विधायक के बेटे सुमित का कहना है कि वाट्सएप व फेसबुक के कई ग्रुपों के माध्यम से उनके पिता विधायक लक्ष्मण नापा की छवि को जानबूझकर खराब करने की कोशिश की जा रही हैं, उन्होंने कहा कि हम जिस समाज से आते है वह अनुसूचित जाति में आती हैं। हमारी राजनितिक छवि को खराब करने के साथ-साथ अनुसूचित जाति का विधायक होने के कारण हमें दबाने की कोशिश की जा रही है।
जिले भर के पत्रकारों में भारी आक्रोश
वहीं घटना के बारे में जानकारी लगने के बाद जिले भर के पत्रकारों में भारी आक्रोश है, पत्रकारों का कहना है कि जसपाल सिंह को जबरन उनके घर से उठा कर गिरफ्तार किया गया है। जिससे स्पष्ट रूप से यह प्रतीत होता है कि पत्रकारिता को प्रभावित और आमजन की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, इतना ही नहीं पत्रकारों ने अधिकारियों से एफआईआर को रद्द करने व उचित कार्रवाई करने की मांग की हैं।
इतना ही नहीं यदि जानकारों की माने तो उनका कहना है कि अगर पत्रकार द्वारा छवि को धूमिल करने का प्रयास किया भी गया है तो मानहानि का केस दर्ज कराया जा सकता था, लेकिन एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज होना कानून का दुरूपयोग हैं।