पाकिस्तानी सांसद ने संसद में कहा- ‘कश्मीरियों व फिलिस्तीनियों को आजाद करने का रास्ता सिर्फ जिहाद है’
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने सोमवार को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करते हुए फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ ‘इजरायली आक्रमण’ की निंदा की।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने निचले सदन नेशनल असेंबली में प्रस्ताव को पेश करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-VII के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का आह्वान किया। प्रस्ताव में कहा गया कि फिलिस्तीनियों के खिलाफ मानवता के खिलाफ चल रहे अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।
वहीं सदन में पक्ष व विपक्ष के नेताओं ने इजराइल व फिलिस्तीन सँघर्ष पर अपनी अपनी बात रखी। इसी कड़ी में जमात-ए-इस्लामी (JI) के सांसद मौलाना अब्दुल अकबर चित्राली ने तो इजराइल व कश्मीर के खिलाफ जिहाद करने का आव्हान कर दिया।
मौलाना अब्दुल अकबर चित्राली ने थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा को संबोधित करते हुए कहा, “अगर हम क़िबला-ए-अव्वल को नहीं बचा सकते तो बम, मिसाइल और ऐसी अन्य चीजें किस लिए हैं। आप 7-8 लाख हैं। और इजराइल के खिलाफ क्यों जिहाद का एलान नहीं करते। हमारे पास 4 हजार किलोमीटर तक मार करने वाला मिसाइल मौजूद है। हमारे पास F17 है, हमारे पास परमाणु बम है। हम इस दुनिया की 7वीं ताकत हैं। हम ये मिसाइल कब इस्तेमाल करेंगे क्या इसे बच्चों को दिखाएंगे।”
सांसद ने कश्मीर के खिलाफ भी जिहाद का आव्हान करते हुए कहा कि “यदि हम कश्मीरियों व फिलिस्तीनियों की मदद करना चाहते हैं इन्हें आजाद करना चाहते हैं तो हमारे पास एक ही विकल्प है वो है जिहाद। नहीं तो धीरे धीरे ये सभी मुस्लिम देशों को शिकंजे में फंसा लेंगे और हम रोते रह जाएंगे।”
उन्होंने कहा “हमने संग्रहालय में इसे दिखाने के लिए परमाणु बम बनाया है क्या ? अगर फ़िलिस्तीन और कश्मीर को आज़ाद कराने के लिए इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है तो हमें मिसाइलों, परमाणु बमों या एक विशाल सेना की ज़रूरत नहीं है।”
हालांकि सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, लेकिन कुछ सांसदों ने सत्र से प्रधानमंत्री इमरान खान की अनुपस्थिति पर अफसोस जताया। सदन में स्पष्ट रूप से कहा गया कि प्रस्ताव, भाषण और रैलियां पर्याप्त नहीं हैं और इजरायल को फिलिस्तीनियों पर हमला करने से रोकने के लिए व्यावहारिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।