आइये जाने तुलसी पूजा, उसका औषधीय महत्व और उसके पीछे के वैज्ञानिक तथ्य
तुलसी सम्पूर्ण देश दुनिया के लिए वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मात्र इतना ही नहीं, यह तो मानव जीवन के लिए अमृत है! यह केवल शरीर स्वास्थ्य की दृष्टि से ही नहीं, ____________अपितु धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यावरणीय एवं वैज्ञानिक आदि विभिन्न दृष्टियों से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।
तुलसी का धार्मिक महत्व:
तुलसी केवल एक पौधा नहीं है बल्कि इसे हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा भी की जाती है तुलसी का सनतान धर्म में अत्यधिक महत्व है। तुलसी के बारे में यह मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जो अमृत धरती पर छलका, उससे ही तुलसी की उत्पत्ति हुई। शास्त्रों में तुलसी के पौधे पूजनीय, पवित्र और देवी का दर्जा दिया गया है और घर में तुलसी का पौधा घर में लगाना भी काफी हितकारी माना जाता है।
तुलसी का औषधीय महत्व:
भारतीय संस्कृति में तुलसी को पूजनीय माना जाता है, धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ तुलसी औषधीय गुणों से भी भरपूर है। आयुर्वेद में तो तुलसी को उसके औषधीय गुणों के कारण विशेष महत्व दिया गया है। तुलसी ऐसी औषधि है जो ज्यादातर बीमारियों में काम आती है। इसका उपयोग सर्दी-जुकाम, खॉसी, दंत रोग और श्वास सम्बंधी रोग के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।
वैज्ञानिक महत्व:
तुलसी का वैज्ञानिक नाम ऑसीमम सैक्टम (Ocimum tenuiflorum) हैं तुलसी में अनेक जैव सक्रिय रसायन पाए गए हैं, जिनमें ट्रैनिन, सैवोनिन, ग्लाइकोसाइड और एल्केलाइड्स प्रमुख तत्व हैं। अभी पूर्ण रूप से इनका विश्लेषण नहीं हो पाया है। डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में पता चला है कि तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट होता है। कई फलों, सब्जियों और अनाजों में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट विटामिन्स, मिनरल्स और कैमिकल्स का संयोजित रूप है। ये सभी तत्व ऑक्साइडेशन से होने वाले नुकसान को निष्क्रिय कर हमारे शरीर की सुरक्षा करते हैं।
इससे मानव शरीर में इम्युनिटी सिस्टम बना रहता है और शरीर में ऊर्जा का प्रभाव तुलसी के नियमित सेवन से नियंत्रत रहता है, साथ ही व्यक्ति की उम्र भी बढ़ जाती है। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीबायोटिक गुण तुलसी में रहते हैं, जो शरीर में संक्रमण से लड़ने में सक्षम होती है