एक कदम महिला आरक्षण की ओर : उड़ीसा सीएम
जनजातीय महिलाओं से प्रभावित सीएम नें विधानसभा व संसद में 33% महिला आरक्षण का प्रस्ताव किया पास, कहा " मेरे दिल के बहुत करीब है महिला शसक्तीकरण "
उड़ीसा : भाइयों एवं बहनों आपनें अभी तक जाति व धर्म आधारित आरक्षण की बात तो बहुत सुनी है न ! लेकिन महिलाओं के आरक्षण की बात ईद के चाँद की तरह ही सुनी होगी !
लेकिन जब लैंगिक समानता का सिद्धांत हमारे संविधान में ही है, और अब इसके बारे में बात भी हुई है तो जाहिर है कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी |
उड़ीसा विधानसभा में 33% महिला आरक्षण का प्रस्ताव पास :
अब की बार जाति-धर्म से हटकर उड़ीसा के मुखिया नवीन पटनायक द्वारा विधानसभा व संसद में 33% महिला आरक्षण की हुई पुकार | उन्होंने कहा कि ” कोई भी गृहिणी, समाज व देश बिना महिला शसक्तीकरण के बिना उन्नति नहीं कर सकता है | ”
सीएम का मानना है कि ” देश व प्रदेश की ऐसी सभी संस्थाओं में जहां निर्णय लिए जाते हैं वहां महिलाओं की भागेदारी सुनिश्चित हो | ” इसी के तहत उन्होंने उड़ीसा विधानसभा में 33% महिला आरक्षण का प्रस्ताव पास करवाया है |
इसके अलावा अपने पिता बीजू पटनायक की भी तारीफ़ करते हुए कहा कि ” बीजू बाबू महिला सशक्तीकरण के असली चैम्पियन थे जिन्होंने 1992 में स्थानीय निकायों में निर्णय लेने की वास्तविकता को पानी की तरह साफ़ कर दिया और उन महिलाओं को 33% आरक्षण की व्यवस्था दी गई | ”
जनजातीय महिलाओं से काफ़ी प्रभावित हैं : नवीन पटनायक
बात अक्टूबर माह की है जब वो जनजाति इलाके में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए महिलाओं को सम्बोधित कर रहे थे उसी दौरान सभा के बीच में से उठकर कई महिलाओं नें बेझिझक सवाल पूंछे |
यह देख सीएम का दिल गार्डन-गार्डन हो गया, जाहिर है इसी चीज को लेकर उन्होंने महिलाओं के उत्थान की दिशा में प्रतिबद्धता सबके सामने प्रस्तुत की है |
इस बीच जयंती इक्का व ममता पधियामी नामक 2 जनजातीय महिलाओं को संदर्भित भी किया जो जमीनी दुनिया में उल्लेखनीय काम कर रही हैं |