‘भारत सेकुलरवादी आज से नहीं, जबसे धरती पर समाज की रचना हुई है’: अटल बिहारी
नई दिल्ली: अटल बिहारी की पुण्यतिथि पर उनका सेकुलरिज्म व कश्मीर पर ये भाषण जरूर पढ़ना चाहिए।
आज पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई की दूसरी पुण्यतिथि है। इस अवसर पर फ़लाना दिखाना की टीम ने अटल बिहारी के दशकों पुराने भाषण पर रिपोर्ट तैयार की है।
दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी पंजाब के अमृतसर में भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे जिसमें उन्होंने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद व तालिबान पर बोलते हुए भारत के सेकुलरिज्म पर बयान दिया था।
हम सेकुलरवादी आज से नहीं:
अटल बिहारी ने सेकुलरिज्म पर बोलते हुए कहा था कि “हमारी लड़ाई मजहब से नहीं है, भारत सेकुलरवादी देश है और आज से नहीं जब से सृष्टि में धरती पर समाज की रचना हुई है, समाज का स्थायित्व हुआ है। हमारे जीवन पद्धति में सब पंथों पूजा पद्धतियों के लिए सम्मान की बात रही है। ईश्वर एक है उस तक पहुंचने के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं। इसी आधार पर हम चल रहे हैं, यह कमजोरी नहीं यह हमारे जीवन दर्शन की विशेषता है।
बांग्लादेश मुस्लिम बहुल पर पाकिस्तान से अलग:
इसके बाद अटल बिहारी ने पाकिस्तान के उस मनसूबे पर भी प्रहार किया था जिसमें पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को उसकी बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी के कारण उसे लेना चाहता था।
इस पर अटल बिहारी ने पाकिस्तान के जनरल मुशर्रफ को जवाब में कहा था कि “आप कश्मीर को इस आधार पर मांगते हैं कि वहां ज्यादा मुसलमान है। लेकिन बांग्लादेश में तो सब मुसलमान है ज्यादातर मुसलमान है मुसलमानों को बहुमत है लेकिन बांग्लादेश पाकिस्तान से नाता तोड़ स्वतंत्र राज्य के रूप में खड़ा है। मजहब के कारण नहीं, मजहब के आधार पर आप जम्मू कश्मीर पर दावा नहीं कर सकते, इस दावे को हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”
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