‘मोदी जी भी नहीं समझ पाए बुद्ध ने कितना नुकसान किया, भारत को नपुंसक बना डाला’: पद्म विभूषण रामभद्राचार्य
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में हैप्पीनेस सेंटर के उद्घाटन पर आए मुख्य अतिथि पद्म विभूषण रामभद्राचार्य महाराज ने कहा बुद्ध ने देश का नुकसान किया।
अमर उजाला के हवाले से रामभद्राचार्य ने कहा कि भारत 200 साल तक गुलाम रहा। भारतीय दर्शन को जितना कुचलना संभव था, सबने उतना कुचला। मोदी जी भी नहीं समझ पाए कि महात्मा बुद्ध ने भारत का कितना नुकसान किया है। भारत को नपुंसक बना डाला।
रामभद्राचार्य जी ने राम नाम का जप करने के लिए कहा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि योगी जी की सरकार है, खुलकर राम का नाम लो। मुलायम की सरकार नहीं है जो राम का नाम लेने पर जेल की हवा खानी पड़ेगी।
दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के कुलाधिपति जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भारत के प्राण उसका अध्यात्म हैं और उन्होंने उसी को नहीं माना। वह देश को अनात्मवाद की ओर ले गए। यही वजह रही कि देश प्रसन्न होने में पहले से 144 वें स्थान पर आ गया।
उन्होंने हैप्पीनेस सेंटर का नाम बदलकर प्रसन्नता केंद्र रखने का सुझाव दिया। कहा कि कब तक विदेशी भाषा के ऊपर निर्भर रहेंगे। भाषा में भी आत्मनिर्भर बने रहने की जरूरत है।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने चित्रकूट में एक दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालय शुरू किया। यही विद्यालय वर्ष 2001 में वट वृक्ष का रूप धारण कर जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय बन गया।
पद्म विभूषण सहित कई पुरस्करों से सम्मानित:
जगद्गुरू को 16 भाषाओं का ज्ञान है। उन्होनें अभी तक 210 पुस्तकें लिखी है। वह पद्म विभूषण सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रपति पुरस्कार, बिड़ला फाउंडेशन वाचस्पति पुरस्कार, महा महोपाध्याय सम्मान, विश्व भारती सम्मान आदि से सम्मानित हो चुके है।
उन्होनें संस्कृत व हिंदी में दो-दो महाकाव्य भी लिखे है। इसके अलावा हास्य, नाटक, खंड काव्य व गद्य काव्य भी लिखा है। जगद्गुरू प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में नौ रत्नों में से एक है। उनकी लिखी हुई कई पुस्तकों को मानव संसाधन मंत्रालय ने पाठ्यक्रम में भी शामिल किया है।