छावनी क्षेत्रों में कई सड़कें व इमारतें अंग्रेजों के वफादार अधिकारियों के नाम पर हैं, इनके नाम बदलने पर विचार करें: रक्षामंत्री
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री ने छावनी क्षेत्रों में सड़कें और इमारतें जिनका नाम ब्रिटिश शासन के प्रति वफादार अधिकारियों के नाम पर रखा गया था, के नाम को बदलने का सुझाव दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 16 दिसंबर को नई दिल्ली में रक्षा संपदा महानिदेशालय के 96वें स्थापना दिवस के अवसर पर उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार 2021 प्रदान किए।
पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए, राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि पुरस्कार सभी विजेता संगठनों को छावनी बोर्डों की बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय और रक्षा संपदा महानिदेशालय को देश के बहादुर सैनिकों और आधुनिक भारत के निर्माताओं के नाम पर छावनी क्षेत्रों में सड़कों और इमारतों का नाम बदलने पर विचार करना चाहिए।
“रक्षा संपदा दिवस” को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा, “छावनी क्षेत्रों में अभी भी कई सड़कें और इमारतें हैं जिनका नाम ब्रिटिश शासन के प्रति वफादार अधिकारियों के नाम पर रखा गया था।”
उन्होंने कहा, “रक्षा मंत्रालय और रक्षा संपदा महानिदेशालय को आधुनिक भारत के निर्माण में केंद्रीय भूमिका निभाने वाले बहादुर सैनिकों और दिग्गजों के नाम पर छावनी क्षेत्रों में सड़कों और इमारतों के नाम बदलने पर विचार करना चाहिए।”
अपने सुझाव को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, “मैं यह किसी दुखद घटना के प्रभाव में नहीं कह रहा हूं और न ही इतिहास में बदलाव करना चाहता हूं। मैं बस इतना चाहता हूं कि हमारे युवा बहादुर सैनिकों से परिचित हों।”
उन्होंने कहा कि यह सुझाव किसी संकीर्ण मानसिकता से प्रेरित नहीं है, इस बात पर बल देते हुए कि जिन ब्रिटिश अधिकारियों या सैनिकों ने लोगों की भलाई के लिए सराहनीय काम किया है, उन्हें सम्मानपूर्वक पहचाना जाना चाहिए और आने वाली पीढ़ियों से उन्हें परिचित कराया जाना चाहिए।
डीजीडीई द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए, राजनाथ सिंह ने विभाग से सशस्त्र बलों के कर्मियों और छावनी बोर्डों के अन्य निवासियों को प्रदान की जा रही शहरी सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए और भी अधिक प्रयास करने का आग्रह किया।
रक्षा मंत्री ने हाल ही में तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगतहुए जनरल बिपिन रावत को भी याद किया। उन्होंने कहा कि देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने इस साल की शुरुआत में ई-छावनी पोर्टल के उद्घाटन समारोह में भाग लिया था और डीजीडीई को अधिक सक्रिय और सशक्त बनाने का प्रयास किया था।