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20 साल बाद विष्णु तिवारी ने अपनों संग मनाई होली, 4 परिजनों को खोने पर बोले- सब बर्बाद हो गया

ललितपुर: आज पूरा भारतवर्ष रंगो का पर्व होली पूरे हर्षोल्लास से मना रहा है। इसी त्यौहार के क्रम में हमारी टीम पहुंची उत्तर प्रदेश के उस सख्स के पास जो पिछले 20 सालों से होली नहीं मना रहा था।

बात कर रहे हैं ललितपुर के निवासी विष्णु तिवारी की जिन्हें फर्जी एट्रोसिटी एक्ट के तहत झूठे दुष्कर्म के मामले में पिछले दिनों ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्दोष साबित कर दिया था।

आज जब विष्णु के पूरे गाँव में होली मनाई जा रही थी तो इसी खुशी में वो भी शामिल हुए। जाहिर है कि विष्णु 20 साल बाद अपने परिजनों के साथ होली मना तो रहे थे लेकिन चेहरे पर भावुकता साफ झलक रही थी। ज्ञात हो कि विष्णु के कारावास के दौरान ही गम में उनके पिता, मां और दो भाइयों ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

दोस्तों व परिजनों के संग होली मना रहे विष्णु ने कहा कि आज की माँ को याद कर रहा हूँ, बाप को, भाई को भी। विष्णु ने बताया कि इतने लम्बे समय के बाद सभी लोगो के साथ होली खेलने के दौरान उन्हें माँ की याद आ गई। वह उन्हें पकवान बना कर खिलाया करती थी। 

गाँव के लोगों ने डीजे लगावाया था, विष्णु ख़ुश भी हैं और दुखी भी। ख़ुशी पहली होली की दुखी घर वाले नहीं रहे। भावुक होकर उन्होंने कहा कि सब बरबाद हो गया।

गम में माँ बाप सहित दो भाई ने छोड़ दी दुनिया
विष्णु तिवारी ने अपने 20 साल के जेल में बिताये गए जीवन को याद करते हुए बताया कि इस बीच उनके माता पिता ने विरह में देह त्याग दिया। दो भाई भी दुःख में दुनिया से चले गए। लेकिन यह सब उन्हें मात्र 6 महीने ज्ञात हो सका था।

केस लड़ने में बिक गयी सारी ज़मीन, जेल में खाना बनाने के कारण हाथो में पड़ गए छाले
विष्णु तिवारी ने आगे बताया कि जेल में उसे खाना बनाने का काम मिला था जिसके चलते उसके हाथो पर छाले पड़ गए है। शरीर के साथ पूरा परिवार भी तबाह हो गया है। उनके पास मात्र 600 रूपए थे जोकि आगरा से ललितपुर आने में खर्च हो गए।

माता रानी जानती थी मैं बेगुनाह हूँ, इसलिए न्याय मिला
विष्णु बताते है कि उन्हें लगने लगा था कि उन्हें जेल में ही अपनी मृत्यु देखनी पड़ेगी लेकिन माता रानी(कुल देवी) कुछ और ही चाहती थी। उन्होंने भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि भगवान के कारण ही आज वह जेल से बाहर खड़े है वर्ना इंसानो ने उनके साथ बहुत नाइंसाफी की है।

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