राममंदिर का साक्ष्य देने वाले आर्कोलॉजिस्ट केके मोहम्मद- ‘पूर्व जन्म में मैं ब्राह्मण रहा होऊंगा’
नईदिल्ली : राम जन्मभूमि की ख़ुदाई कराने वाले केके मोहम्मद नें इन्टरव्यू में संस्कृत के ज्ञान के बारे में कहा कि वो पिछले जन्म में ब्राह्मण पैदा हुए होंगे |
यारों राम मंदिर पर वो फ़ैसला आ गया है जिसका कई पीढियां सदियों इंतजार कर रही थीं, फ़ैसले के बारे में मुझे लगता है आपको सभी जानकारी होगी | लेकिन हमारी अक्सर कोशिशें रहती हैं कि आपके लिए कुछ नया लाऊं तो आज फलाना दिखाना के पिटारे में राम मंदिर से जुड़ा वो शख्स है जिसकी हर कोई तारीफ़ें गढ़ रहा है | जी हाँ आज हमारे चर्चा का केंद्र हैं केके मोहम्मद पूरा नाम है करिंगामन्नू कुजियिल मोहम्मद, वही केके जो अयोध्या की विवादित राम जन्मभूमि की ख़ुदाई कराने वाली ASI की 10 लोगों की टीम में शामिल थे |
आर्कोलाजिस्ट की हैसियत से उन्होंने जब ख़ुदाई कराई थी उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद राम मंदिर तोड़कर बनाई गई थी | जब शनिवार को राम मंदिर पर फ़ैसला आ गया तो उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कहा कि “जो मैंने कहा था उससे आज मैं दोषमुक्त हो गया हूँ, मुझे यह महसूस होता है।
इसके लिए मुझे लोगों के एक समूह द्वारा नकारा भी गया था। पर ये ठीक उसी तरह का निर्णय है जैसा हम सभी चाहते थे।”
उन्होंने बताया कि “ASI द्वारा आपूर्ति की गई पुरातात्विक और ऐतिहासिक साक्ष्य के आधार पर, अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि पहले एक बहुत बड़ा भव्य मंदिर था और हमें एक बार फिर एक नया निर्माण करना चाहिए ।”
K K Muhammed, former regional director (North), Archaeological Survey of India (ASI): I feel vindicated (he had said Ram temple existed before Babri mosque in Ayodhya), I was hounded by a group of people. It is exactly the kind of decision that we all wanted. #AyodhyaVerdict https://t.co/0kqcGZqzT8 pic.twitter.com/Z99AhNzw7L
— ANI (@ANI) November 9, 2019
आपको बता दें कि केके मोहम्मद देश के जाने माने आर्कोलाजिस्ट में से हैं जिन्हें आर्कोलाजी में विशेष योगदान देने के लिए इसी साल 2019 में पद्म श्री से नवाज़ा गया | केके भारतीय पुरातत्त्व विभाग के पूर्व क्षेत्रीय(उत्तरी ) निदेशक रहे हैं, इसके अलावा वो आग़ा खान ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया के प्रोजेक्ट आर्कोलाजिस्ट डायरेक्टर भी रह चुके हैं |
जुलाई 1952 में कालीकट केरल में जन्में केके संस्कृत के बड़े जानकर हैं हालाँकि पोस्ट ग्रेजुएशन में AMU से इतिहास के छात्र रहे हैं इसके बाद उन्होंने अपने मास्टर फ़ील्ड यानी आर्कोलाजी में स्कूल ऑफ़ आर्कोलाजी, नईदिल्ली से PG डिप्लोमा किया | इसके बाद केके देश के कई उत्खनन कामों में जुट गए,धीरे धीरे उनकी इस क्षेत्र में हैसियत भी बढ़ती गई |
अयोध्या केस में उत्खनन जब वो शामिल हुए तो वो और भी मशहूर हुए हर जगह उनकी चर्चाएँ होने लगी इसी कड़ी में भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ़ नें भी राम मंदिर फ़ैसले के बाद उनकी तारीफ़ की | कैफ़ नें कहा कि “यह केवल भारत में ही हो सकता है जहां एक न्यायमूर्ति अब्दुल नज़ीर एक राममन्दिर केे सर्वसम्मत फैसले का हिस्सा हैं। और एक केके मुहम्मद विचारधारा किसी भी विचारधारा की तुलना में बहुत बड़ी हो सकती है।”
This can happen only in India.
Where a Justice Abdul Nazeer is a part of a unanimous verdict. And a KK Muhammed gives historical evidences. Idea of India is much bigger than any ideology can ever comprehend. May everyone be happy, I pray for peace,love & harmony #AYODHYAVERDICT— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) November 9, 2019
केके मोहम्मद से डीडी न्यूज में सितंबर 2018 में जब संस्कृत के बारे में पूछा गया कि “उत्खनन में संस्कृत कैसे मददगार है ?” तो केके नें एंकर ऋचा शर्मा को उत्खनन और संस्कृत की एक बेहतरीन कड़ी समझाई उन्होंने कहा कि “जब आप कभी भी उत्खनन करेंगे तो एक महत्वपूर्ण चीज मिलेगी वो है मूर्तियाँ, और इन्हें पहचानने के लिएआपको संस्कृत के श्लोकों की जानकारी होनी चाहिए इसके बगैर आप काम नहीं कर सकते |”
एंकर ऋचा शर्मा नें जब केके से उनके संस्कृत से लगाव के बारे में प्रश्न पूछा और जो उन्होंने जवाब दिया वो ख़ुद संस्कृत भाषा के लिए गौरव की बात थी | दरअसल केके नें कहा कि “मुझे संस्कृत जानने में दिलचस्पी है मुझे लगता है पिछले जन्म में मैं किसी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ था |”
KK Muhammed, whose name is in the lip of every Indian right now,
Gives a fantastic explanation on how SANSKRIT helps in Archeology!
He also says “I feel I was born in Brahmin family in my previous Janam”! pic.twitter.com/oIyV6dkctD
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) November 10, 2019