सैकड़ों कश्मीरी बेटियाँ PT ऊषा बन ओलंपिक में फहराना चाहती हैं तिरंगा: रिपोर्ट
कश्मीर की स्कूली छात्राओं का सपना देश की अगली पीटी उषा बनने का; "प्रधानमंत्री ओलंपिक टास्कफोर्स" के सदस्य द्वारा चलाए जाने वाली संस्थाSSPF में दिखाया था "ट्रैकिंग" का हुनर
J&K: कश्मीर घाटी की सैकड़ों लड़कियाँ भारत के लिए ओलंपिक पदक के लिए कमर कस रही हैं ।
आपने बालीवुड की फिल्मों में कश्मीर के बारे में अक्सर सुना होगा कि इसे भारत का स्वर्ग कहा जाता है | जी हाँ उसी कश्मीर से आई एक खूबसूरत तस्वीर पर बात करेंगे हो सकता है कि ये तस्वीर भविष्य में तिरंगे का मान बढ़ाए !
कश्मीर की बादियों से आ रही है दूसरी “उड़नपरी” :
कश्मीरी युवाओं की कई खबरें आती हैं लेकिन ये खबर है देश के खेल के भविष्य के लिए, कश्मीर घाटी की स्कूली छात्रा फरीदा बटूल दौड़ यानी ट्रैकिंग में देश का नाम रोशन करना चाहती हैं | वो दरअसल “पय्योली एक्सप्रेस” और “उड़नपरी” के नाम से मशहूर धावक पीटी उषा जैसी खिलाड़ी बनना चाहती हैं |
उनकी तस्वीर साझा करते हुए क्रिकेटर गौतम गंभीर लिखते हैं कि ” आगे बढ़ो बेटा मैं और पूरा देश इंतजार कर रहा है कि आप अपने लक्ष्य तक पहुंचो ” |
One of the girls in these pics from Kargil is Farida Batool. She wants to be the next @PTUshaOfficial. Well done @SSPF_SAI for organising Kargil District Athletics Championships. Farida, push hard beta, am waiting for u on the finish line…and so is entire India @Ra_THORe pic.twitter.com/lOA0HWKNkZ
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) November 28, 2018
ये तस्वीर तब सामने आई जब कश्मीर के उत्तरपूर्व में बसे कारगिल जिले में “कारगिल जिला एथलेटिक्स चैम्पियनशिप” आयोजित की गई थी और इसमें कश्मीर घाटी की एक युवा व होनहार खिलाड़ी फरीदा नें भी भाग लिया | लेकिन वो इससे भी आगे चलकर देश के लिए ओलंपिक जैसे खेल में बड़ा नाम करना चाहती हैं |
फरीदा का मोदी कनेक्शन :
फरीदा को सामने लाने के पीछे एक संगठन का हाँथ है, इसका नाम है एसएसपीएफ यानी “School Sports Promotion Foundation” वर्तमान में इसके अध्यक्ष ओम पाठक हैं जो कि “प्रधानमंत्री ओलंपिक टास्कफोर्स” (यह आगामी 3 ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने का कमेटी है) के सदस्य हैं |
यह संगठन पूरे देश में स्कूली बच्चों को बड़े स्तर के खेलों के लिए तैयार करता है इसके लिए समय समय पर देश के सभी जिलों में खेल के आयोजन किए जाते हैं | बाद में यहीं से ये खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम का रास्ता भी तय करते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि ” हरेक चैंपियन को एक प्लेटफार्म की जरूरत होती है ” |
हालांकि देश हमेशा कश्मीरी युवकों को आगे आते हुए देखना चाहता है क्योंकि यहाँ के युवकों के बारे में अक्सर कहा जाता है कि ये काफ़ी ऊर्जावान होते हैं | इसी कारण कहा गया है ” खेलेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया ” |