कर्नाटक में तड़के भक्ति गीत गाने वाली सदियों पुरानी प्रथा ‘नगर संकीर्तन’ सोशल मीडिया पर छाई, 63 लाख लोगों ने देखा
दक्षिण कन्नड़: कर्नाटक में आरएलएएसएम मैसूरु के छात्रों द्वारा प्रस्तुत नगर संकीर्तन कार्यक्रम आजकल सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
दक्षिण कन्नड़ जिले के अश्वत्थपुरा स्थित श्री सीता राम मंदिर में रविवार को मैसूरु के रघु लीला स्कूल ऑफ म्यूजिक (आरएलएसएम) के छात्रों द्वारा प्रस्तुत “नगर संकीर्तन” सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट है कि फेसबुक पर आठ मिनट के एक छोटे से वीडियो ने दो दिनों में 6.3 मिलियन व्यूज हासिल किए हैं और ऑनलाइन ज्यादा ध्यान खींचना जारी है। “नगर संकीर्तन” एक सदियों पुरानी प्रथा है जहां एक समूह भक्ति गीत गाते हुए आवासीय क्षेत्रों में घूमता था लेकिन समय के साथ इस अभ्यास ने अपनी चमक खो दी। आरएलएसएम के निदेशक डॉ सुनीता चंद्रकुमारे ने बताया कि “सदियों पुरानी प्रथा को एक खोई हुई परंपरा को वापस लाने के तरीके के रूप में फिर से शुरू किया गया, जबकि यह भी सुनिश्चित किया गया कि छात्रों को इन गानों को सीखने को मिले।”
“यह अभ्यास तीन साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन COVID-9 महामारी के कारण नौ महीने के लिए बंद कर दिया गया था और अब इसे और भी सुंदर तरीके से फिर से शुरू किया गया है। हर महीने के पहले रविवार को, आरएलएसएम के छात्र लगभग एक घंटे के लिए भक्ति गीत गाते हुए, तड़के मंदिर से दूसरे घर जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “शुरुआती महीनों में छात्रों को मिली जबरदस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उन्हें देशभक्ति गीत, वचन, तत्व पाद, नगर संकीर्तन में लोक गीत भी शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने श्रृंगेरी और उडुपी जैसे विभिन्न शहरों में संकेथेन का प्रदर्शन शुरू किया। फेसबुक और ट्विटर पर वायरल वीडियो की कितनी तारीफ हुई, इस पर भी उन्होंने खुशी जाहिर की।”
वीडियो को गायक रघु दीक्षित द्वारा साझा किया गया है, जिसे अभिनेत्री रवीना टंडन, लेखक संजीव सान्याल और हजारों अन्य लोगों ने रीट्वीट किया है। उडुपी-चिकमगलूर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शोभा करंदलाजे ने ट्वीट किया, “इस मधुर भजन संकीर्तन के साथ अपने दिन की शुरुआत करें। देखो कितनी खूबसूरती से समूह ने भजन और नृत्य को समन्वित किया है। रघुलीला स्कूल ऑफ म्यूजिक, मैसूरु, इस तरह के एक मंत्रमुग्ध प्रदर्शन करने के लिए बधाई। इस तरह के आकर्षक प्रदर्शनों को हमारे देश के हर कोने तक पहुंचना है।”
बताया गया कि RLSM की शुरुआत 18 साल पहले 2003 में हुई थी। अब इसमें 10 से 60 साल के 200 से अधिक छात्र हैं। ()