50 से ज़्यादा युवाओं नें आरक्षण की आग में झोंकी थी जान, हर साल याद करते हैं लोग वो दर्द !
नईदिल्ली : जतिगत राजनीतिक कुचक्र में 50 से अधिक नौजवानों को आत्महत्या करने वाले कालखंड को लोगों नें किया फ़िर से याद !
प्रथम आरक्षण विरोधी आंदोलन में जान गंवाने वाले नौजवानों की याद में श्रद्धांजलि सभा एवं कैंडल मार्च का आयोजन किया गया ।
जातिगत आरक्षण विरोधी संगठन जन अधिकार मोर्चागाजियाबाद जिले के कार्यकर्ताओं के द्वारा 19 सितंबर 1990 को हुए प्रथम आरक्षण विरोधी आंदोलन की 29 वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि सभा तथा कैंडल मार्च का आयोजन घंटाघर शहीद भगत सिंह की मूर्ति पर जिला संयोजक राजन द्विवेदी के नेतृत्व में किया गया ।
इस अवसर पर जन अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा “भारत के इतिहास में 1990 एक क्रांतिकारी साल है उस साल तत्कालीन जनता दल सरकार ने 13 अगस्त 1990 को बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल कमीशन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए पिछड़ी जातियों के लिए 27 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर निर्णय लिया जिससे राजनीति ही नहीं पूरे देश के अंदर भूचाल आ गया तथा 19 सितंबर 1990 को छात्रों ने देशभर के अंदर इसके विरोध में एक आंदोलन छेड़ दिया ।”
JAN अध्यक्ष नें कहा “दिल्ली यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे देश के अंदर आग की तरह फैल गया जिसमें पूरे देश के अंदर लगभग 200 छात्रों ने आत्मदाह का प्रयास किया तथा 62 लोगों की मृत्यु हुई ।”
“उन सभी देशभक्त नौजवानों को याद करते हुए प्रथम आरक्षण विरोधी आंदोलन की 29 वीं वर्षगांठ पर जन अधिकार मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धांजलि सभा व कैंडल मार्च निकाल कर आंदोलन में शहीद हुए देशभक्त नौजवानों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।”
बैठक में उपस्थित रहे मुख्य लोग मुख्य संरक्षक पं सुरेश चंद शर्मा बी के सिसोदिया सुनील शर्मा विकास खारी महेश कौशिक सुमित ठाकुर राजन द्विवेदी राकेश राणा अरविंद कौशिक पिंकी ठाकुर रमाकांत शर्मा योगेंद्र वशिष्ठ आरके राघव आदि ।