‘आरक्षण मुक्त भारत’ के लिए जन अधिकार मोर्चा नें PM मोदी को लिखा ख़त !
नईदिल्ली : समयसीमा के बाद पूर्ण रूप से आरक्षण ख़त्म करने को लेकर जअमो नें पीएम मोदी को खत लिखा है।
आरक्षण विरोधी संगठन जन अधिकार मोर्चा (जअमो) द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि “संविधान में समाप्त हो रही आरक्षण की समय सीमा तथा आरक्षण को पूर्ण रूप से खत्म करने को लेकर पीएम को खत लिखकर, जन अधिकार मोर्चा के प्रतिनिधि मंडल ने मिलने का समय मांगा है।”
जन अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित राजेश शर्मा ने बताया “भारतीय संविधान में 25 जनवरी 2020 को आरक्षण की समय सीमा पूर्ण रूप से समाप्त हो रही है, जिसको अब पूर्ण रूप से खत्म करना देश हित मैं बहुत जरूरी हो गया है।तथा संविधान में समाज के पिछड़े वर्ग के लिए 10 वर्षों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है।”
“परंतु जातिवादी वह निहित कारणों से जाति आधारित आरक्षण की अवधि की सीमा को बार-बार बिना समीचीन समीक्षा के बढ़ाया जाता रहा है। जैसा कि गत 10-10 वर्ष करते हुए आज 70 वर्ष होने जा रहे हैं परंतु आज तक ऐसे किसी भी आरक्षण प्राप्त डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर शिक्षक या कर्मचारी ने यह नहीं कहा कि वह अब दलित या पिछड़ा नहीं रहा। तथा उसे अब आरक्षण की व्यवस्था नहीं है इससे यह सिद्ध होता है कि आरक्षण का आधार जातिगत किए जाने से इन 70 सालों में कोई लाभ नहीं हुआ है।
“जातिगत आरक्षण का लाभ जहां कुछ खास वर्ग के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी लेते जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वही लोग अपने समाज के गरीब वर्ग तक आरक्षण का लाभ नहीं पहुंचने दे रहे हैं। अन्यथा इन 70 वर्षों में प्रत्येक आरक्षित वर्ग के व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंच चुका होता गरीबी जाति देखकर नहीं आती।”
“फिर जातिगत आरक्षण क्यों क्यों नहीं देश के प्रत्येक गरीब को आरक्षण का लाभ मिले चाहे वह किसी भी जाति या किसी भी धर्म का हो। जन अधिकार मोर्चा द्वारा पिछले काफी समय से जातिगत आरक्षण मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है।”
“हमारा संकल्प है जातिगत आरक्षण मुक्त भारत बनाएं देश के हर गरीब को आरक्षण दिलाएं, जिसको लेकर संतों के नेतृत्व में एक जनसभा का आयोजन 24 नवंबर को दिल्ली जंतर मंतर पर होने जा रहा है। तथा अधिकार मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल माननीय प्रधानमंत्री जी से मिलकर जातिगत आरक्षण मुक्त भारत को लेकर एक ज्ञापन सोपना चाहता है जिसको लेकर अधिकार मोर्चा ने माननीय प्रधानमंत्री जी से मिलने समय मांगा है।