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इंदौर: भारत-बांग्लादेश सीमा से अवैध रुप से युवतियां लाकर सेक्स रैकेट चलाने वाला ‘विजयदत्त’ निकला बांग्लादेशी घुसपैठी ‘मामुन’, 23 सालों तक छुपाए रखी पहचान

इंदौर: मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस ने भारत-बांग्लादेश सीमा से अवैध रुप से युवतियां लाकर देह व्यापार कराने वाले गिरोह के मुखिया व उसके साथियों को दबोचा है।

बुधवार को पूरे नेटवर्क का खुलासा करते हुए इंदौर पुलिस ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि इंदौर पुलिस द्वारा विगत वर्ष दिनांक 25.9.2020 को विजयनगर, लसुडिया, एम आई जी थाना क्षेत्रों में दबिश देकर कुल 21 युवतियों को देह व्यापार से मुक्त कराया गया था। तथा बांग्लादेश बार्डर से अवैध रुप से पार करवाकर देह व्यापार में सलिप्त करने वाले आरोपी जिसमें गुजरात, सूरत के प्रमुख एजेन्ट सहित कुल 33 आरोपी गिरफ्तारी हो चुके थे।

उक्त प्रकरण के मुख्य आरोपी विजय दत्य, बबलु मुम्बई एवं उज्जवल ठाकुर की तलाश की जा रही थी। पुलिस द्वारा दिनांक 15.11.2021 को विजयनगर स्थित एक होटल पर दबिश देकर 6 युवक व 5 युवतियों को देह व्यापार में गिरफ्तार किया गया था जिनसे पूछताछ पर जानकारी मिली की जेल में बन्द एजेन्टों के साथी प्रदीप जोशी और सोनू ठाकुर द्वारा मुम्बई के विजय दत्य और बबलु, इंदौर के उज्जवल ठाकुर, दिलिप बाबा, प्रमोद पाटीदार, नेहा, रजनी के साथ मिलकर बांग्लादेशी युवतियों से देह व्यापार करवा रहे हैं। उपरोक्त दोनों मामलों में विजय दत्य, उज्जवल ठाकुर एवं बबलु का नाम आ रहा था।

उक्त गैंग का मुखिया विजय दत्य बहुत शातिर होकर उसे किसी भी पीड़ित युवती या एजेन्ट द्वारा देखा नही गया था इसलिये इनकी गिरफ्तारी पर 20,000 रुपये ईनाम भी घोषित किया गया था। विजय दत्य का सही नाम और फोटो और पता स्पष्ट रुप से पुलिस के पास कभी सामने नही आया और ना ही कोई लड़की बताने की स्थिती में थी, क्योंकि आज तक किसी एजेन्ट ने प्रत्यक्ष रुप से विजय दत्य को नहीं देखा था परन्तु हर बांग्लादेशी लड़की इसका नाम लेती थी। इसको पकड़ना पुलिस के लिये बहुत बड़ी चुनौती थी।

गैंग के इन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक पूर्व इंदौर आशुतोष बागरी द्वारा इसके लिये एक टीम तैयार की गई जिसमें मराठी बोलने व बंगाली बोलने व समझने वाले आरक्षक सायबर एस्पर्ट एवं महिला उपनिरीक्षक थे, को मुम्बई नालासुपारा रवाना की गई।

टीम वहाँ करीब एक सप्ताह किराये का मकान रहकर रही और जानकारी इकट्ठा करती रही वहाँ लोकल लोगों से दोस्ती करी और कुछ सुराग हासिल किये।

पुलिस टीमों द्वारा जानकारी एकत्रित की गई विजय दत्य हमेशा पर्दे के पीछे रहकर काम करता था। आज तक इसकी फोटो सार्वजनिक नही हुई थी। यह 25 सालों से भारत में फर्जी दस्तावेज के जरिये आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट बनाकर रह रहा था और नाला सुपारा मुम्बई का रहने वाला है। बांग्लादेश में इसकी पत्नि जोसना खातुन है इसके दो बच्चे है शाबाना एवं दीपा हैं। यह किशोर अवस्था में बांग्लादेश से भारत पं. बंगाल कृष्ण घाट नदिया आया था और खेतो में मजदूरी का काम करता था।

इसके बाद यह मुम्बई आ गया होटल में काम करने लगा इसने भारत में भी एक महिला से शादी की जिससे एक बच्चा है। बाग्लादेशी पत्नि NGO महिला कल्याण के लिये काम करने वाली NGO से जुड़ी है एवं मजबूर बेसाहरा लड़कियों को भारत में घरेलु काम दिलाने के नाम पर बार्डर पार कराकर भारत भेजती है। बांग्लादेश के दुरुस्त क्षेत्र में रहने वाली कम पढ़ी-लिखी लड़कियां इसके झासे में आ जाती हैं और वैश्यावृत्ति के धंधे में फंस जाती हैं।

आरोपी विजय ने अपनी गैंग के माध्यम से अब तक की हजारो बांग्लादेशी लड़कियों को पिछले 10 साल से वैश्यावृत्ति के धंधे में धकेल चुका है और देश के मध्यप्रदेश के अलावा देश के विभिन्न हिस्सो में अपने एजेंट बना रखे है जहाँ म.प्र. में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खण्डवा, राजगढ़, पीथमपुर, आदि शहरो में इसके एजेन्ट है और नेटवर्क फैला हुआ है।

इंदौर में इसके मुख्य एजेन्ट सहजल, उज्जवल, प्रमोद बाबा, सप्तार, दिलिप बाबा, ज्योति, पलक आदि है जो इससे बांग्लादेशी युवतियों से वैश्यावृत्ति करवाते थे। निमाड क्षेत्र में प्रमोद पाटीदार प्रमुख एजेन्ट है। म.प्र. के अलावा मुम्बई, पुणे, पालघर, सूरत, अहमदाबाद, चैन्नई, बंगलौर, हैदराबाद, जयपुर, उदयपुर आदि शहरों में हजारो की संख्या में इसके द्वारा लड़कियाँ सप्लाय की गई हैं। सबसे ज्यादा संख्या सूरत व मुम्बई के नालासुपारा में हैं जो तस्करी कर लाई गई हैं। 

इन लड़कियों को दिन में 6 से 7 ग्राहक से संबंध बनाने के लिये विवश किया जाता है तथा इनकी क्षमता बढ़ाने के लिये ड्रग्स की लत लगाई जाती है और मना करने पर एजेन्टो के द्वारा प्रताड़ित किया जाता है। यह लड़डियाँ पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर नहीं आती क्योंकि एजेन्टो के द्वारा इतना डराया जाता है कि तुम यदि पुलिस के पास गई तो जेल भेज दिया जायेगा तुम बांग्लादेशी हो तुम्हारे पास वैध दस्तावेज नहीं है इसलिये ये चुपचाप शोषण सहन करती है।

इन्हे काम के बदले मुसकिल से 500-600 रु मिलते हैं बाकी सारा पैसा दलाल रख लेते है। कई बार पैसे की जरुरत होने पर इन्ही लड़कियों के द्वारा दलालो से पैसा लिया जाता है जिसकी 50 प्रतिशत तक मासिक ब्याज लगाते हैं जिससे जो भी पैसा मिलता है वह पैसा इन्ही के पास चला जाता है।

गिरोह का मुख्य सरगना (विजय दत्त उर्फ मामुन) यह बीच बीच में बांग्लादेश जाता रहता है एवं हुण्डी एवं हवाला के माध्यम से पैसे भेजता है। बांग्लादेश बार्डर में एवं मुम्बई, सूरत, अहमदाबाद आदि बड़े शहरो में ऐसे हुण्डी एवं हवाला के जो कारोबारी सक्रिय हैं, उनके संबंध में पूछताछ की जा रही है।

इसकी पत्नि जोसना खातुन ने बांग्लादेशी पासपोर्ट बना रखा है और वीजा लेकर मुम्बई आती रहती है। पुलिस टीम द्वारा मुम्बई में 07 दिन रहकर इसकी रेकी की गई पुलिस टीम द्वारा बांग्लादेश की मराठी, स्थानीय लोगो एवं भाषा का उपयोग कर पतारसी की जा रही थी इसे टीम के मराठी भाषा में बात करने में लगा कि मुम्बई पुलिस तलाश कर रही है तो यह अपनी सहयोगियों के साथ इंदौर की ओर शरण हेतु आया।

तकनीकी आधार पर पुलिस अधीक्षक पूर्व आशुतोष बागरी द्वारा आई पी एस एम यु रहमान के नेतृत्व में टीम गठित कर घेराबन्दी कराई गयी जिसमें विजय दत्य की पूरी गैंग के बाणगंगा क्षेत्र में छुपी होने की सूचना पर पुलिस टीम द्वारा दबिश देने पर विजय दत्य व उसकी टीम द्वारा दिवार तथा छत कूदने का भागने का प्रयास किया गया किन्तु पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया।

पूछताछ पर आरोपी विजय दत्य ने अपना नाम विजय पिता विमल दत्य निवासी नदिया पं. बंगाल होना बताया परन्तु कड़ाई से पूछताछ पर तकनीकी आधार पर पाया कि उसका असली नाम मामुन पिता वफज्जुल हुसैन है जो पाबना जिला रसई बांग्लादेश का रहने वाला है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नाला सुपारा मुम्बई में रहता है। उसके साथ उसकी महिला सहयोगी जो बांग्लादेश से लड़कियों को लाने वाली तथा उन्हे देह व्यापार हेतु विवश करने वाली आकीजा पिता माणीक शेख निवासी बांग्लादेश, दीपा शेख पिता तोसिफ मुल्ला शेख निवासी बांग्लादेश को गिरफ्तार किया गया।

आरोपी विजय उर्फ मामुन के साथ रहने वाले गैंग के एजेन्ट उज्जवल पिता अवधेश प्रसाद निवासी कालिन्दी गोल्ड बाणगंगा इंदौर तथा एनजीओ चलाने वाली उसकी पत्नि तथा देह व्यापार मे उसकी साथ देने वाली नेहा उर्फ निशा तथा उसकी साथी रजनी वर्मा निवासी एम आई जी इंदौर में बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार हेतु इधर उधर भेजने वाले दिलीप बाबा पिता द्वारका दास सावलानी निवासी लसुडिया इंदौर को भी गिरफ्तार किया गया।

विजय उर्फ मामुन दत्य का एजेन्ट जो बाग्लादेश की युवतियों को निमाड़, धार, पीथमपुर उसे भी इसके साथ गिरफ्तार किया गया। आरोपी बबलु उर्फ पलास सरकार निवासी नालासुपारा मुम्बई जो अपनी पत्नि के सहयोग से बांग्लादेश से युवतियाँ लाकर देह व्यापार करवाता है, को भी गिरफ्तार किया गया।

प्रारम्भिक पूछताछ में इसने बताया है कि बांग्लादेशी तस्करी कर लाई गयी कुछ लड़कियों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आई डी कार्ड एवं पासपोर्ट भी इसके द्वारा बनवाया गया है एवं एक गिरोह सक्रिय है जिसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। प्रकरण में विस्तृत पूछताछ जारी है।

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