इंडोनेशिया: शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाए तो महिला को शरिया कानून के तहत दी 100 कोड़ों की सजा
जकार्ता: इंडोनेशिया (Indonesia) के आचे (Aceh) क्षेत्र में शादी से पहले सम्बन्ध बनाने की आरोपी महिला को दर्दनाक सजा दी गयी। महिला और इसके बॉयफ्रेंड को 100 बेतों की सजा सुनाई गई।
100 बेतों की सजा से महिला के हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि वो इस सजा को सह नहीं पाई और दर्द से बेहोश होकर गिर गई। ये घटना इंडोनेशिया में आचे प्रांत में मौजूद होक्स्योमावे शहर की है।
इस जोड़े को यह सजा लोगों के सामने सजा दी गयी। कोड़े के मार के दर्द को न सह पाने के कारण महिला बेहोश गयी। बेहोश होने के बाद जब महिला उठी तो उसे दोबारा कोड़े मारे गए। जिसके बाद वो एक बार फिर बेहोश हो गई। जैसे ही वह उठती उसे कोड़े मारे जाते। महिला की हालत इतनी खराब हो गयी थी कि जांच के लिए डॉक्टर को बुलाना पड़ गया।
इंडोनेशिया के आचे क्षेत्र में इस्लामिक शरिया कानून लागू किया गया है। ये इस देश में अकेला ऐसा क्षेत्र है जहां शरिया कानून माना जाता है। इस क्षेत्र में 50 लाख लोग रहते हैं। जिनमें से लगभग 98 प्रतिशत मुस्लिम हैं। घटना के समय वहां बड़ी संख्या में लोग उसे देखने के लिए मौजूद थे। कोड़े की मार से महिला की हालत इतनी ख़राब हो गयी थी कि उसे उठाकर ले जाना पड़ा।
ट्रिब्यून न्यूज के मुताबिक, जिस शख्स ने इस कपल के लिए कमरा मुहैया कराया था, उसे 75 कोड़ों की सजा दी गई वही इसके अलावा शराब पीने वाले दो लोगों को भी इस मामले में 40-40 कोड़ों की सजा दी गई थी। इस मामले में इस्लामिक पुलिस चीफ जुल्किफिल का कहना था कि इस महिला को वहां से ले जाना पड़ा क्योंकि वो अपनी सजा के बाद खड़ी नहीं हो पा रही थी।
साल 2001 में इंडोनेशिया की सरकार ने इस क्षेत्र को स्वायतत्ता दी थी जिसके बाद यहां शरिया कानून को लगा दिया गया था। शरिया कानून के मुताबिक इस क्षेत्र में शराब पीने, शादी से पहले शारीरिक संबंध और समलैंगिक संबंध बनाने पर बेंत की दर्दनाक सजा दी जाती रही है। मानवाधिकारों से जुड़े संगठन अक्सर इन अमानवीय सजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन आचे क्षेत्र के लोगों का इस कानून का पूरा समर्थन हासिल है और कई लोग इस दौरान पब्लिक में आरोपियों को मिली सजा को देखने पहुंचते हैं।
महिला को सार्वजनिक तौर पर दी गयी इस सजा की जमकर आलोचना हो रही है। हालाँकि साल 2018 में इस क्षेत्र के प्रशासन ने लोगों में पब्लिक में बेंत मारने की प्रथा को खत्म करने और खुलेआम सजा न देने की बात कही थी। लेकिन हाल के दिनों में यहाँ ऐसी घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है।