भारत दुनियां का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने वाला है
भारत जल्द ही दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार होगा। ग्लोबल एविएशन बॉडी आईएटीए के अनुसार अब यह 2024 तक शीर्ष तीन देशों में से एक होने की उम्मीद है।
भारत जल्द ही दुनिया भर में तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार होगा। ग्लोबल एविएशन बॉडी आईएटीए के अनुसार अब यह 2024तक शीर्ष तीन देशों में से एक होने की उम्मीद है
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विमानन उद्योग के लिए अपने न्यूली 20 इयर्स के पूर्वानुमान में, अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) का कहना है कि दुनिया भर में हवाई यात्री संख्या वर्ष 2037 में 8.2 बिलियन हो सकती है।
इस वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान एशिया-प्रशांत क्षेत्र से आएगा, जो अगले 20 वर्षों में नए यात्रियों की कुल संख्या का आधा हिस्सा होगा।
आईएटीए के पूर्वानुमान के अनुसार, चीन 2020 के दशक के मध्य में अमेरिका को सबसे बड़े विमानन बाजार के रूप में अमेरिका को स्थानांतरित करने के बाद एक स्थान पर चढ़ जाएगा, जबकि भारत 2024 के आसपास यूके को पार कर तीसरा स्थान लेगा।
वास्तव में, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 4.8% की दर से सबसे तेज वृद्धि देखने की उम्मीद है, इसके बाद अफ्रीका (4.6%) और पश्चिम एशिया (4.4%) है।
DigiYatra
यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय की एक पहल है
‘DigiYatra’ देश द्वारा एक डिजिटल नेतृत्व वाले समाज में बदलने के लिए प्रधान मंत्री मोदी के डिजिटल भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप मंत्रालय द्वारा समन्वयित एक उद्योग की अगुवाई वाली पहल है।
इसका उद्देश्य एक डिजिटल पारिस्थितिक तंत्र विकसित करने के लिए पूरे उद्योग को एक साथ लाने का लक्ष्य है जो भारतीय ग्राहकों को उनकी यात्रा के हर स्पर्श बिंदु पर एक निर्बाध, सुसंगत और पेपरलेस सेवा अनुभव प्रदान करेगा। मूल उद्देश्य हवाई अड्डे पर कतारों को कम करना और बोर्डिंग प्रक्रिया में दक्षता लाने के लिए है।
सभी विमानन हितधारकों – एयरलाइंस, एयरपोर्ट ऑपरेटर, सुरक्षा और आप्रवासन एजेंसियां, कैब ऑपरेटर, खुदरा प्रतिष्ठान और अन्य डिजिटल मानकों को तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं जो डेटा और सूचना के निर्बाध विनिमय को सक्षम कर सकते हैं।
इसके साथ मे केंद्र सरकार की मत्वाकांक्षि परियोजना में से उड़ान स्कीम(उड़े देश का आम नागरिक) ने देश मे इस क्षेत्र को मजबूत किया है।जिसके अंतर्गत आम आदमी को भी विमान में सफर करने का मौका मिलेगा ।इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके बाद से देश के एक चप्पल पहनने वाले व्यक्ति भी हवाई सफर कर सकता है।
आज हम इसी का असर देख सकते है कि किस प्रकार ये योजनाएं और देश के लोगों की बढ़ती हुई पॉकेट खर्च के कारण अब ये संभव हो सकती है।