उत्तराखंड में आस्था की शक्ति, 20 गाँवों के लोगों ने बिना सरकारी मदद 1 साल में बना डाला भव्य मंदिर
चंपावत: आस्था का ऐसा जुनून रहा कि उत्तराखंड के चंपावत जिले अंतर्गत बिसज्युला क्षेत्र के छोटे छोटे 20 गांवों के ग्रामीणों ने आपसी सहयोग की मिसाल कायम कर श्री सिद्ध नरसिंह मंदिर का पुनर्निर्माण बिना सरकारी सहायता से किया है। मकरसंक्रांति को धार्मिक अनुष्ठान के बाद मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोला जाएगा।
मंदिर की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर भी भी लोगों द्वारा साझा कर ग्रामीणों की तारीफ़ें की जा रही है। उत्तराखंड के नैनीताल से आने वाले वरिष्ठ पत्रकार किशोर जोशी ने तस्वीरें ट्विटर अकाउंट पर साझा की है।
तो ऐसे मंदिर का हुआ र्निर्माण:
वहीं मंदिर के पुनर्निर्माण के पूरे घटनाक्रम के बारे में चंपावत से आने वाले ABVP एक्टिविस्ट ललित पांडेय बताते हैं कि उत्तराखण्ड के सबसे ऊँचे एवं भव्य मन्दिरों में से एक है चम्पावत का नवनिर्मित सिद्ध नृसिंह मन्दिर। यह नवनिर्मित मन्दिर आपसी सहयोग का अनुकरणीय उदाहरण है।
उत्तराखंड के जनपद चम्पावत के खेतीखान कस्बे के दक्षिण में स्थित पर्वत शिखर श्री सिद्ध नरसिंह बाबा के मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मंदिर का निर्माण बाबा के भक्तों के सहयोग से पूर्ण हुआ है। बाबा की छत्रछाया में रह रहे भक्तों ने तन, मन व धन से मंदिर निर्माण में हरसंभव सहयोग किया। इसी का नतीजा है कि करीब एक साल के भीतर बाबा का भव्य मंदिर बन कर तैयार हो गया है। यह मंदिर उत्तराखंड के सबसे ऊंचे व भव्य मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण बाबा के भक्तों ने बगैर किसी सरकारी सहायता के किया है।
यह मंदिर आपसी सहयोग एवं समर्पण का अनुकरणीय उदाहरण है। आज मंदिर परिसर में मंदिर निर्माण समिति व बाबा के भक्तों की एक बैठक है। जिसमें तय किया जाएगा कि मंदिर का उद्घाटन कब किया जाए। संभावना है कि 14 जनवरी को मकरसंक्रांति पर्व पर मंदिर कर पूजा अर्चना के साथ विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।
यह मंदिर जनपद के सबसे ऊंचे पर्वत शिखरो में से एक शिखर पर स्थित है। यहां का प्राकृति सौंदर्य अनुपम है। यहां से हिमालय का विहंगम नजारे देखने को मिलते हैं। आने वाले समय में यह मंदिर निश्चित ही तीर्थाटन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा।