पिछले 7 सालों में मोदी सरकार ने 4.52 करोड़ अल्पसंख्यक लाभार्थियों को छात्रवृत्तियां दी: सरकार
नई दिल्ली: सरकार ने बताया है कि पिछले सात वर्षों के दौरान 4.52 करोड़ से अधिक अल्पसंख्यक लाभार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश भर के सभी राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों में छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों नामतः बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिक्ख के छात्रों के शैक्षिक सशक्तीकरण के लिए मैट्रिक – पूर्व, मैट्रिकोत्तर, मेरिट – सह – साधन आधारित छात्रवृत्ति योजनाएं और बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना कार्यान्वित करता है।
उन्होंने आगे बताया कि पिछले सात वर्षों के दौरान 4.52 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से विभिन्न छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं जिनमें से 53% से अधिक लाभार्थी महिलाएं है।
पिछले तीन वर्षों अर्थात 2018-19 से 2020-21 के दौरान स्वीकृत ऐसी छात्रवृत्तियों की समुदाय – वार संख्या निम्नानुसार है:
सरकार द्वारा छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए फर्जी पहचान बनाने वाले लोगों को चिन्हित करने के सवाल को लेकर मंत्री नकवी ने बताया कि 2015-16 में राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) और 2016-17 में एनएसपी 20 के नवीकृत रूपांतर के शुभारंभ के साथ अल्पसंख्यकों के लिए तीनों छात्रवृत्ति योजनाएं प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है। दोहरेपन को टालते हुए विवकेपूर्ण जांच के गुणों के साथ एनएसपी ने बिचौलियों, घोस्ट लाभार्थियों आदि को समाप्त किया है। इस तरह 2016-17 से 2020-21 के दौरान कुल 9,35,977 नकली और अपात्र आवेदकों की पहचान की गई और एनएसपी से हटाया गया।
ऊपर पूछे गए सवाल के साथ में यह भी पूछा गया कि ऐसे फर्जी पहचान बनाने वाले लोगों की संख्या समुदाय – वार और राज्य – वार कितनी – कितनी है ? तो इस प्रश्न के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि समुदाय – वार और राज्य / संघ राज्य क्षेत्रवार आंकड़ा नहीं रखा जाता है।