Falana Report

हिमाचल में महिलाओं ने बनाई चीड़ पत्तों की राखियां, गलवान शहादत के कारण न बाँधेगी चीनी राखियां !

कांडला (HP): महिलाओं ने चीनी राखियों को अलविदा कहने के लिए स्वदेशी का अद्भुत उदाहरण पेश किया है।

जबसे भारत व चीन के रिश्ते खट्टे पड़े हैं तबसे भारत में चीनी बहिष्कार की मुहिम नें स्वदेशी को और महत्वपूर्ण कर दिया है। इसी को लेकर इस बार देश की बहन बेटियों ने तो राखी उत्सव को लेकर पहले से कमर कस लिया था कि भले ही एक सूत्र बांध देंगे लेकिन चीनी राखी नहीं छुएंगे।

अब एक ऐसा आर्कषक उदाहरण हिमाचल प्रदेश से आया है जहां कांगड़ा जिला के शाहपुर के रैत गांव की रहने वाली महिलाओं ने चील के पेड़ की पत्तियों से राखियां बनाई हैं। और ये विचार कांगड़ा रहवासी सुदर्शना देवी को आया, उनके इस अनोखे प्रयोग ने लोगों को स्वदेशी राखी प्रयोग करने की प्रेरणा प्रदान की है। सुदर्शना ने शुद्ध स्वदेशी राखी बनाने के लिए महिलाओं का एक समूह बनाया। जिसके बाद प्रदेश में आसानी से उपलब्ध चीड़ के वृक्ष की पत्तियों को इकट्ठा कर करके अपनी कल्पना को नया रंग प्रदान किया।

Swadeshi Rakhi of Pam Trees In Kandla

लोगों में वस्तुओं की गुणवता के प्रति आशंका न रहे, इसके लिए हिमाचल प्रदेश की सरकार सीएम स्टार्ट-अप योजना के तहत सुदर्शना एवं महिलाओं को सीएसआईआर अनुसंधान केंद्र पालमपुर में प्रशिक्षण दिलवा रही है।

स्थानीय रिपोर्ट बताती हैं कि प्रति वर्ष प्रदेश में चीड़ के जंगलों में आग लगने से लाखों की क्षति हो जाती है, जिसका मुख्य कारण यह चीड़ की पतियां रहती हैं। सुदर्शना ने दिशा दिखाई है कि बहुतायत में संकट का कारण बनने वाली चीड़ की पतियों से भी कुछ उत्कृष्ट कार्य किया जा सकता है।

BJP सांसद नें लांच किया स्वदेशी राखी अभियान:

भारत व चीन के बीच हुए सीमा विवाद के बीच देश के मुखिया नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी को मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान शूरू कर दिया था। अब इसी अभियान के को और व्यापक बनाए जाने के लिए दिल्ली से BJP सांसद मीनाक्षी लेखी नें रक्षाबंधन पर्व पर स्वदेशी राखी अभियान शुरू किया है।

भाजपा सांसद ने दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित कर स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ स्वदेशी राखी के लिए मुहिम की शुरुआत की है। इन राखियों में पवित्र सूत्र (धागा) वाली राखियां, जिसमें कोरोना योद्धा लिखी गई, प्रधानमंत्री नरेंद्र की फोटो, स्वदेशी लिखी हुई, आदि मुख्य आकर्षण हैं। कार्यक्रम के लॉन्च पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि “आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भरता, स्वदेशी और आर्थिक स्वतंत्रता के माध्यम से सशक्तीकरण के संदेश के साथ हमने स्वदेशी राखी का शुभारंभ किया।”

आगे उन्होंने स्वदेशी के लिए रक्षाबंधन के महत्व से जोड़ते हुए कहा कि “विचार यह है कि रक्षाबंधन एक प्रतिज्ञा/सुरक्षा की प्रतिज्ञा को दर्शाने वाला पर्व है। ये हमारा कर्तव्य है कि हम स्वदेशी हितोंकी रक्षा करें।”

बता दें कि RSS व उसके सहयोगी संगठन पहले से ही स्वदेशी राखी का अभियान शुरू कर चुके हैं। संगठन ने अपने करोड़ों सदस्यों के जरिए उनके परिवार व रिश्तेदारों के बीच मुफ्त राखी बांटने का ऐलान किया था। वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन को इस साल राखी में 4000 करोड़ का नुकसान होने की संभावना है।


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