बांधवगढ़ नेशनल पार्क में अद्भुत शेष शैय्या, 65 फ़ीट लंबी शयन मुद्रा में है विष्णु मूर्ति
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बांधवगढ़: बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश राज्य के उमरिया जिले में स्थित है। इसे वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था।
इसका क्षेत्रफल 437 वर्ग किमी है, यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है जो 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस जगह पर कई फल और फूलों के वृक्ष हैं, यहां बाघ के अलावा कई जीव जंतु भी पाये जाते हैं जिन्हें आसानी से देखा जा सकता हैं और कई अन्य पशु पक्षी भी यहां देखने को मिल जातें हैं।
भले ही बांधवगढ़ सिर्फ टाइगर के लिए ही मशहूर हो लेकिन इस स्थान पर इतिहास और आस्था दोनों हैं। जिसे आप यहां आकर भली-भांति देख और समझ सकते हैं। बाधवगढ़ नेशनल पार्क में पहाड़ पर स्थित शेष शैय्या एक मात्र ऐसा स्थान है, जहां आपको पैदल ही जाना होगा। यहाँ शेष शैय्या में भगवान विष्णु शयन मुद्रा में विराजमान हैं। इस प्रतिमा की डिजाइन काफी प्राचीन और प्रसिद्ध है। इसका उल्लेख शिवपुराण और नारद-पंच में भी मिलता है।
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शेष शैय्या बाधवगढ़:
बांधवगढ़ की पहाड़ी पर 2 हजार वर्ष पुराना किला बना है, इस किले का नाम शिवपुराण में मिलता हैं। किले का निर्माण का निर्माण किसने करवाया ? इस पर आज भी संशय हैं। यहाँ शेष शैय्या एक प्रसिद्ध स्थान हैं भगवान विष्णु की विशालकाय प्रतिमा अति आकर्षक एवं रहस्यात्मक है। भगवान विष्णु की यह प्रतिमा 65 फीट लंबी है
अब तक आपने भगवान विष्णु की अनेक प्रतिमाएं देखी होंगी। क्षीर सागर में विश्राम मुद्रा में उनका स्वरूप कम ही देखने मिलता है। भगवान विष्णु यहां सात फन वाले सांप यानी शेष नाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। चरणगंगा यहां की प्रमुख नदी है जो पार्क से होकर गुजरती है। एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा के अनुसार चरणगंगा नदी की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पैर से हुई है। जिससे इस नदी के पानी को काफी पवित्र माना जाता है यह एक पवित्र तीर्थ स्थल है, इसलिए दिवाली के अवसर में यहां काफी श्रद्धालु जमा होते हैं।
जन्माष्टमी विशेष:
बांधवगढ़ शेष शैय्या में साल में एक बार जन्माष्टमी के समय यहां पर भव्य मेला लगता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि शेष शैय्या पर लेटे हुए भगवान विष्णु का कृष्ण जन्माष्टमी के दिन मंदिर में विशेष पूजन पाठ भी रीवा रियासत के वारिसों द्वारा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु हर मनोकामना पूरी करते हैं ऐसा माना जाता हैं। साल में एक बार लगने वाले इस मेले में हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
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नेशनल पार्क में बेशक बांधवगढ़ पहाड़ी पर स्थित बांधवगढ़ किला और शेष शैय्या इस जगह का एक चर्चित धार्मिक पर्यटन स्थल है। महल से आस-पास के पेड़ पौधे और जीव जंतु का नजारा आपको मंत्रमुग्ध कर देता है। हालांकि अब बांधवगढ़ किला और टाइगर रिजर्व आपस में मिला जुला है यहाँ आस्था और पर्यटन स्थल का अनूठा संगम देखने को मिलता है।