‘राजीव गांधी राष्ट्रीय कोच थे क्या’: सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता ने ‘खेल रत्न’ का नाम बदलने की उठाई माँग
नई दिल्ली : राजीव गांधी खेल पुरस्कार के नाम बदलने की माँग सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता ने उठाई है।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2020 की घोषणा कर दी गई है। सूची में क्रिकेटर रोहित शर्मा, हॉकी खिलाड़ी रानी, एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु के नाम राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है।
बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विक सांईराज रैंकी रेड्डी और धाविका दुती चंद समेत 27 खिलाड़ियों को मिलेगा अर्जुन पुरस्कार जबकि हॉकी कोच रमेश पठानिया समेत आठ प्रशिक्षकों को आजीवन योगदान के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेेगा।
क्या राजीव गांधी कोच थे:
उधर राजीव गांधी के नाम वाले पुरस्कार खेल रत्न का नाम बदलने की माँग भी उठ गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय सामने आए हैं।
उपाध्याय ने सवाल खड़े कर कहा कि “क्या राजीव जी राष्ट्रीय स्तर के कोच थे ? क्या राजीव जी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी थे ? क्या हमारे देश में खिलाड़ियों का अभाव है ? यदि नहीं तो देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी जी के नाम पर क्यों है ?”
अंत में उन्होंने सिफारिश देते हुए कहा कि “देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार देवव्रत अर्जुन या एकलव्य के नाम पर होना चाहिए।”
पूर्व कांग्रेस नेता ने भी की थी माँग:
देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार “राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार” के नाम बदलने की मांग पूर्व कांग्रेस नेता ने भी उठाई थी। जिसको लेकर खुद खेल मंत्री किरेन रिजिजू भी अब सामने आ थे
महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व सचिव शहजाद पूनावाला नें राजीव गांधी के नाम से अवॉर्ड होने पर सवाल उठा ए थे। उन्होंने कहा था कि भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान, खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी के नाम पर क्यों दिया जाता है ? क्या वो एक खिलाड़ी थे ?”
आगे शहजाद नें राजीव गांधी की बजाय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न का नाम करने की मांग की थी।
Why is Khel Ratna Award , the highest sporting honour of India, named after Rajiv Gandhi? Was he a sportsman? Can we re-name it after Major Dhyan Chand or some deserving athlete ?
RT if you agree so that we start a movement on this!!
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) June 2, 2020
शहजाद नें अंत में ये भी कहा था कि कांग्रेस ने कई ऐसे विरासत मुद्दे बनाए हैं और हमें हर एक को सही समय पर संभालने की जरूरत है। और मुझे विश्वास है कि भारत और सरकार इस बात को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद करेंगे।”
Absolutely Right…Rajiv Gandhi khel ratna is surely not appropriate
— GurukiGoogly! (@samiprajguru) June 2, 2020
खेलमंत्री ने दी थी प्रतिक्रिया:
शहजाद की माँग का समर्थन खेल पत्रकार व कमेंट्रेटर समीप राजगुरु नें भी किया। समीप नें कहा था कि निश्चित ही राजीव गांधी खेल रत्न उचित नहीं है।”
उधर नाम बदलने की इस माँग पर खेल मंत्री किरेन रिजिजू नें नामकरण के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराया था। रिजिजू ने कहा था कि “ये हमारी सरकार नहीं है जिसने इसे “राजीव गांधी खेल रत्न” नाम दिया है। यह कांग्रेस शासन के दौरान तय किया गया था।”
Dear @Shehzad_Ind it’s not our govt who named it as “Rajiv Gandhi Khel Ratna”. It was decided during Congress regime. https://t.co/yPhuAVp2Hv
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) June 2, 2020
कौन हैं शहजाद पूनावाला:
शहजाद पूनावाला महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव तो थे ही लेकिन उनका गांधी परिवार से भी करीबी का रिश्ता रहा है। दरअसल, शहजाद के भाई तहसीन पूनावाला प्रियंका गांधी के ननदोई हैं। रॉबर्ड वाड्रा की कजिन मोनिका वाड्रा की शादी तहसीन पूनावाला के साथ हुई है, 2015 में इनकी शादी हुई थी।
राहुल गांधी के कार्यकाल में महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव शहजाद पूनावाला कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव प्रणाली पर सवाल उठा कर पार्टी से अलग हो गए थे। अब वो बतौर TV होस्ट दिखते हैं।
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