‘आतंकी की हत्या मानवाधिकार उल्लंघन कैसे हो सकता है ?’- याद रहेंगे बिपिन रावत के ये तेवर
नई दिल्ली: भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के 11 अन्य जवानों की बुधवार को तमिलनाडु में कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से मौत हो गई।
इसमें कहा गया है कि जीवित बचे एकमात्र ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का वेलिंगटन के एक सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।
भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा, “जनरल बिपिन रावत, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) आज स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन (नीलगिरी हिल्स) के दौरे पर थे।”
बयान में कहा गया है, “गहरे अफसोस के साथ अब पता चला है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और विमान में सवार 11 अन्य लोगों की मौत हो गई।”
दुर्घटना से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) बैठक भी की।
वायुसेना ने दोपहर करीब दो बजे दुर्घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जनरल रावत के साथ कुन्नूर के पास एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए पहले ही जांच के आदेश दे चुकी है।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में, जनरल रावत सशस्त्र बलों के बीच तालमेल लाने और उनकी समग्र युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी त्रि-सेवा आधुनिकीकरण योजना के कार्यान्वयन की देखरेख कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “जनरल रावत ने असाधारण साहस और परिश्रम के साथ देश की सेवा की थी। पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में उन्होंने हमारे सशस्त्र बलों की संयुक्तता की योजना तैयार की थी।”
रावत आतंककियों के लिए मानवाधिकार की पैरवी करने वालों के सख़्त खिलाफ थे। टाइम्स नाउ के 2021 के एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने कहा था, “अभी तक यह होता रहा कि बड़ी संख्या में लोकल्स आतंकियों को जानते हैं, वे कहां से ऑपरेट करते हैं ये जानते हैं। सिर्फ बंदूक के डर से वे सूचनाएं नहीं देते थे। लेकिन अब वे अलग सोच के साथ आगे आ रहे हैं कि या तो हम उनकी (आतंकियों की) हत्या कर देंगे या ऐसा इंतजाम करेंगे कि वे मारे जाएं।”
उन्होंने कहा था कि “अब यह आतंकियों के लिए संदेश है या यह खुफिया एजेंसियों का कोई दांव है, पता नहीं मगर ऐसा है तो मैं कहूंगा कि बड़ा अच्छा दांव है। आपको आतंकियों के मन में डर बैठाना होगा कि इससे पहले आप हमारी हत्या करो, हम आपकी हत्या कर देंगे।”
उन्होंने साफ कहा था कि आतंकी की हत्या मानवाधिकार उल्लंघन कैसे हो सकता है? अगर आपके इलाके में कोई आतंकी ऑपरेट कर रहा है तो आप उसकी हत्या क्यों नहीं करेंगे?
बता दें कि जनरल रावत ने 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय सेना के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया था।