Spritual

हरिद्वार: ‘हर की पैड़ी’ को फिर मिलेगा गंगा का दर्जा, कांग्रेस ने दी थी नहर की मान्यता

हरिद्वार: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ हरिद्वार कुम्भ-2021 की तैयारियों के संबध में बैठक की जिसमें हर की पैड़ी को पुनः गंगा का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य व भव्य स्वरूप में आयोजित होगा। कुंभ में परंपराओं व संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कुंभ के शुरू होने पर कोरोना महामारी की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार मेले के स्वरूप को विस्तार दिया जाएगा।

हर की पैड़ी को फिर से गंगा का दर्जा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अखाड़ा परिषद के साथ बैठक करने से पहले एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हर की पैड़ी को स्कैप चैनल (नहर) से मुक्त रखने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हर की पैड़ी का अविरल गंगा का दर्जा बरकरार रखा जाएगा। इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा यह क्षेत्र आस्था एवं विश्वास का प्रतीक भी है। जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

कांग्रेस ने समाप्त किया था गंगा का दर्जा:

यहां बता दें कि प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हर की पैड़ी का गंगा का दर्जा समाप्त कर उसे स्कैप चैनल अर्थात नहर के रूप में मान्यता दे दी थी। इस कारण लंबे समय से गंगा सभा एवं जनता द्वारा हर की पैड़ी क्षेत्र को स्कैप चैनल से मुक्त रखने की मांग की जा रही थी।

आगामी कुंभ मेले की तैयारी:

देहरादून में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित बैठक में त्रिवेन्द्र ने संतों को आश्वासन दिया कि परिस्थितियों के हिसाब से कुंभ के दृष्टिगत जो भी निर्णय लिये जाएंगे, उसमें अखाड़ा परिषद एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सकुशल कुंभ सम्पन्न कराने के लिए अखाड़ा, परिषद व संत समाज का पूरा सहयोग लिया जाएगा और अखाड़ों की समस्याओं का हर संभव निदान करने का प्रयास होगा।

अखाड़ा परिषद कुंभ में करेगा सहयोग:

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने अखाड़ों की समस्याओं से भी अवगत कराया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि 15 दिसंबर तक अधिकांश स्थाई प्रकृति के कार्य और 31 दिसम्बर तक अन्य सभी कार्य पूर्ण करा लिए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button