सुप्रीमकोर्ट के 13प्वाइंट रोस्टर आरक्षण पलटने के लिए मोदी कैबिनेट की मंजूरी, संसद में आएगा बिल
इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक निर्णय के बाद सुप्रीमकोर्ट नें शिक्षण संस्थाओं में लागू किया था 13-प्वाइंट रोस्टर
नईदिल्ली : केंद्रीय मंत्री नें कहा कि SC/ST/OBC को 13 प्वाइंट रोस्टर आरक्षण से काफ़ी नुकसान हो रहा था इसलिए सरकार नें इसे खत्म कर पुराने 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को लाने का यह निर्णय लिया है |
केंद्र में दोबारा मोदी सरकार आने के बाद मंत्रिमंडल की बैठकें जारी हैं उनमें कई फ़ैसले लिए जा रहे हैं | 12 जून को पीएम मोदी की अध्यक्षता में ऐसे ही कई अहम प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई |
केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर नें नईदिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि सरकार इस सत्र में सुप्रीमकोर्ट के 13प्वाइंट रोस्टर को पलटने के लिए संसद में बिल लाएगी |
हालांकि इसके लिए फरवरी 2019 में सरकार नें अध्यादेश भी लाया था लेकिन लेकिन सत्र की समय सीमा तब तक खत्म हो चुकी थी | इसलिए अब इसे अध्यादेश न होकर बिल के रूप में संसद के सामने जून में शुरू हो रहे मानसून सत्र में पेश करेगी |
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श्री जावड़ेकर नें कहा कि “सरकार नें 13 प्वाइंट रोस्टर आरक्षण के बारे में कोर्ट को भी बताया था कि इससे SC/ST/OBC को काफ़ी नुकसान हुआ था इसलिए पुराने 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम को ही फिर से लागू किया जाएगा | जिसमें कालेज/यूनिवर्सिटी/इंस्टीट्यूट को एक यूनिट न मानकर डिपार्टमेंट को यूनिट माना जाएगा |”
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हालांकि श्री जावड़ेकर नें ये भी बताया कि “मोदी सरकार के 10% आर्थिक आरक्षण आने के बाद ये 200 प्वाइंट रोस्टर आरक्षण 50% और 10% वालों के लिए भी होगा |”
इसके लिए बैकलाक के तहत सरकार 7 हजार से अधिक पद भी भरेगी |
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों के सात हज़ार पद भरे जाएंगे; विभागों के बजाय विश्वविद्यालयों व कॉलेजों को एक इकाई माना जाएगा @HRDMinistry @DrRPNishank pic.twitter.com/Up8Wj2wWxt
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) June 12, 2019
आपको बता दें कि अप्रैल 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फ़ैसले को सही करार देते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत नें UGC को शिक्षण संस्थानों में 200 प्वाइंट रोस्टर की बजाय 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम अपनाने का निर्देश दिया था |
बाद में इसका दलित व ओबीसी समाज के संगठनों नें काफ़ी विरोध किया संसद से लेकर सड़क इसके ख़िलाफ़ मार्च व प्रदर्शन किए गए | बाद में सरकार नें दबाव में आकर सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका भी डाली जिसे कोर्ट नें निरस्त कर दिया था |
इसलिए अब सरकार इसको संसद में बिल के जरिए पलटने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और सरकार को उम्मीद भी है कि यह बिल सर्व सम्मत से पारित हो जाएगा |