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पंडित विरोधी बयान से मुश्किल में किसान नेता राकेश टिकैत, धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में FIR

फरीदाबाद: किसान आंदोलन के बीच भारतीय किसान यूनियन नेता व प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा ब्राह्मण समाज को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में हरियाणा के फरीदाबाद में भारतीय जनता पार्टी और वकीलों के प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को पुलिस आयुक्त से मुलाकात की।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के खिलाफ शिकायतें दी गई हैं। पुलिस से मामले में एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल ने राकेश टिकैत पर समाज में वैमनस्यता फैलाने और हिंदू धर्म के लोगों को आहत करने का आरोप लगाया है।

भारतीय जनता पार्टी आईटी सेल के जिला संयोजक पारस भारद्वाज ने राकेश टिकैत के खिलाफ फरीदाबाद के सहायक पुलिस उपायुक्त (हेड क्वार्टर) को शिकायत दी है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि टिकैत ने केवल ब्राह्मण समाज ही नहीं अपितु सनातन धर्म के खिलाफ जहर फैलाने का काम किया है। उनके भाषण का मतलब सिर्फ धार्मिक भावनाओं के आधार पर लोगों को आन्दोलन के लिए उकसाना था। लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर वह सरकार के खिलाफ लोगों को इस आंदोलन में जोड़ना चाहते हैं। उनके दिए गए भाषण में साफ नजर आता है कि वो किसी एक समुदाय के खिलाफ बोलकर दूसरे समुदाय के लोगों को आन्दोलन का हिस्सा बनाना चाहते हैं। 

पंडितों को सुधर जाने की धमकी:

दरअसल बीते दिनों पलवल में आयोजित किसानों की सभा में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि “मंदिर वालों को रोज पूजा जा रहा है, लेकिन वो लोग एक भी दिन भंडारा लगाते नहीं नजर आए। ये लोग कहाँ हैं? इनसे भी हिसाब-किताब ले लो। इनका अता-पता ले लो। हमारी माँ-बहनें इन्हें जा-जा कर दूध दे रही हैं। ये लोग बदले में एक कप चाय भी नहीं पिला रहे हैं। इन सब लोगों को भी पता चलेगा।”

टिकैत ने कहा था कि “गाय का बच्चा हो या भैंस का, सबसे पहला दूध पंडित के यहाँ जाता है। लेकिन इनमें से एक भी (प्रदर्शन स्थल) पर कुछ नहीं भिजवा रहे। इनसे बढ़िया तो गुरुद्वारा ही है।”

अंत में पंडितों पर भड़कीले स्वर में कहा था कि “देखो सुधर जाओ। पंडित भी सुधर जाओ, जो मंदिर में बैठे हैं। इन पर बहुत चढ़ावा है, इनसे हिसाब-किताब तो ले लो भाई। यहाँ एकाध भंडारा लगवा दो। हम कोई कृष्ण जी के ख़िलाफ़ थोड़ी हैं, लेकिन तुम भंडारा तो लगवाओ। सब हरिद्वार जा रहे हैं, मथुरा जा रहे हैं, एक भी पंडित यहाँ नहीं आ रहा। इलाज इनका सबका होगा। इनकी सबकी लिस्ट बनेगी।”

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