‘गॉंवों में कोरोना मामलों में बढ़ोतरी के पीछे एक कारण किसान आंदोलन से लौटे किसान हैं’- पंजाब सरकार के मंत्री
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चंडीगढ़: देश के अन्य राज्यों की तरह पंजाब में भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली लहर की तुलना में अधिक संक्रामक है और अधिक जानलेवा साबित हो रही है।
शहरों के साथ-साथ अब दूर दराज के गाँवों में भी यह लहर अपना पैर पसार चुकी है। बृहस्पतिवार को पंजाब में 5,566 कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले आये जबकि कुल 191 लोगों की संक्रमण से मौत हुई। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच पंजाब के कई गाँव कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके हैं। जिसका एक कारण सिंघु व टीकरी बॉर्डर से गाँवों में लौट रहे किसान हैं।
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने भी किसान आंदोलन से लौट रहे किसानों को गाँवों में बढ़ते कोरोना संक्रमितों के मामलों का एक कारण बताया है। राजिंदर सिंह ने यह भी कहा कि मंडियों और अन्य जगहों पर बेफिक्र घूम रहे किसान भी गांवों में बढ़ते मामलों का एक कारण है। साथ ही उन्होंने दिल्ली बॉर्डर से लौट रहे किसानों को टेस्टिंग करवाने और आइसोलेट रहने की अपील की है। गांवों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और हो रही मौतें सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ हैं।
उन्होंने एक इंटरव्यू पंजाब के गॉंवों में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रश्न के जवाब में कहा “मैंने बोला है कि जो दिल्ली से आते हैं वो सबसे पहले अपना टेस्ट करवाएं, जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आती, तब तक वे अपने आप को आइसोलेट रखें। क्योंकि सबसे पहले खतरा उनके परिवार को है। सिंधु बॉर्डर पर बैठे लोग समझदार हैं वे मेरी बात समझते हैं।”
दूसरी तरफ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 14 मई को समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि राज्य के कुछ गांव किसानों के आंदोलन के कारण कोरोनो संक्रमण (COVID -19) के हॉटस्पॉट बन चुके हैं। “एक महीने पहले, मैंने किसान नेताओं से कोविड -19 प्रसार के बीच अपने आंदोलन को स्थगित करने की अपील की थी। मैंने उनसे कहा कि स्थिति नियंत्रण में होने के बाद वे अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा, अब यह सामने आया गया है कि इस आंदोलन ने कुछ गांवों को कोविड के हॉटस्पॉट बना दिया है। 20 मई को हरयाणा में कोरोना संक्रमण के कुल 6457 मामले दर्ज़ हुई जबकि संक्रमण से मौतों की संख्या 129 रही।
किसानों से एक बार फिर अपना आंदोलन स्थगित करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा, “कोविड -19 महामारी को देखते हुए, मैं एक बार फिर किसान नेताओं से अपने विरोध प्रदर्शन को स्थगित करने की अपील करता हूं। हम सभी का एकमात्र लक्ष्य जीवन को बचाना होना चाहिए। इस संकट के समय में लोगों की। मानव जीवन से ज्यादा कुछ नहीं है।”
जानलेवा संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौतों की संख्या के बाद भी किसान आंदोलन स्थगित न करने की जिद पर अड़े हुए हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के मामलों को गाँवों में फैलने से रोकना सरकार के लिए चुनौती का विषय बना हुआ है।