विदेश मंत्री सुषमा ने की राजनीति से सन्यास की घोषणा
देश की सबसे युवा विधायक रही सुषमा जी ने पार्टी के फैसले से पहले ही अपना मन बना लिया है की वो अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी |
नई दिल्ली: विदेश मंत्री ने घोषणा कर दी है की वो अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी,यह घोषणा उन्होंने मंगलवार को इंदौर मे की है |सुषमा 2004 और 2014 मे विदिशा से लोकसभा चुनाव जीती थी,2014 मे बहुत अधिक भारी मत से जीती थी|उन्होंने कांग्रेस के लक्ष्मण सिंह को चार लाख से ज्यादा वोटो से हराया था |
1998 में दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं
नब्बे के दशक में सुषमा राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गईं। अटलजी की सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया। 1998 में उन्होंने अटलजी की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। हालांकि, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा हार गई। पार्टी की हार के बाद सुषमा ने विधानसभा की सदस्यता छोड़ दी और राष्ट्रीय राजनीति में लौट आईं।
1999 में बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया से हारीं
1996 में हुए लोकसभा चुनाव में सुषमा दक्षिण दिल्ली से सांसद बनी थीं। इसके बाद 13 दिन की अटलजी की सरकार में उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। मार्च 1998 में दूसरी बार अटलजी की सरकार बनने पर वे एक फिर से आईबी मिनिस्टर बनीं। 1999 में उन्होंने बेल्लारी लोकसभा सीट पर सोनिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वे यहां हार गईं।
कांग्रेस के सामने दुविधा, राहुल को कैसे पेश करें- सुषमा
सुषमा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा- कांग्रेस पार्टी के सामने सबसे बड़ी दुविधा यह है कि वह राहुल गांधी को जनता के सामने किस रूप में पेश करे। राहुल कभी मंदिर जाते हैं, तो कभी मानसरोवर चले जाते हैं। वे खुद को जनेऊधारी ब्राह्मण कहते हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने मप्र में विकास के कई कार्य किए हैं। उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कोई विरोधी लहर नहीं है। सत्ता विरोधी लहर तब होती, जब सामने कोई बड़ा नेतृत्व होता है|