कुछ नया आया क्या

क्या आप अपने रेलवे के अधिकार जानते है जो आपके सफर को शानदार बना सकते है ?

रेलवे की तरफ से यात्रियों को कई अधिकार मिलते हैं। लेकिन इन अधिकारों के बारे में जानकारी न होने से यात्रियों को कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है।

नई दिल्ली:  भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराती है लेकिन जानकारी के अभाव मे यात्री बेवजह परेशान होते है | रेलवे की सभी सुविधाएं रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है लेकिन हमें नहीं लगता की आप वहा जाकर अपने अधिकारों के बारे मे जानेगे तो हम आपको यात्रा से जुड़े अधिकारों के बारे मे बताते चलते है :-)

24 घंटे पहले बदल सकते हैं बोर्डिंग स्टेशन

1-टिकट ट्रांसफर.
अगर आपके पास रेलवे का कन्फर्म टिकट है और किसी कारण सफर नहीं कर सकते, तो उस टिकट पर आपका रक्तसंबंधी यानी ब्लड रिलेशन वाला सदस्य यात्रा कर सकता है। इनमें माता-पिता, भाई, बहन, बेटा, बेटी और पत्नी शामिल हैं। आपको टिकट ट्रांसफर करना होगा। इसके लिए यात्रा से 24 घंटे पहले चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर को आवेदन देना होगा।

2.डुप्लीकेट टिकट

अगर आपने रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट बुक कराया है और किसी कारणवश वह गुम हो गया। ऐसी स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब आप काउंटर टिकट की डुप्लीकेट कॉपी ले सकते हैं। इसके लिए नजदीकी कंप्यूटराइज्ड सेंटर पर जाना होगा। यह सुविधा सिर्फ कन्फर्म टिकट पर मिलती है। हालांकि, इसके लिए आपको नाममात्र का चार्ज भी देना होगा


3.स्टेशन बदल सकते हैं

आप टिकट बुक करते समय किसी दूसरे बोर्डिंग स्टेशन का नाम देते हैं लेकिन कुछ दिन बाद आपको बोर्डिंग स्टेशन बदलना होता है। ऐसी स्थिति में ट्रेन के डिपार्चर टाइम से 24 घंटे पहले यात्रा शुरू करने यानी बोर्डिंग स्टेशन बदल सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, कि यह सिर्फ एक बार ही किया जा सकता है।

4.अनारक्षित टिकट पर रिजर्वेशन कोच में सफर

आप अनारक्षित टिकट पर भी रिजर्वेशन वाले डिब्बे में सफर कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए सीट खाली होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको रिजर्व्ड टिकट और अनारक्षित टिकट की कीमत के अंतर के बराबर पैसे देने होते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि सीट खाली न होने पर अगर आप इसमें बैठते हैं, तो जुर्माना वसूला जाएगा।


5.नि:शुल्क फर्स्ट एड

हर ट्रेन में निशुल्क फर्स्ट एड बॉक्स की सुविधा होती है। स्वास्थ्य परेशानी होने पर आप टीटीई या ट्रेन के कर्मचारी से ले सकते हैं।

6.संक्रामक रोग से ग्रस्त मरीज पर रोक

संक्रामक रोग से ग्रस्त व्यक्ति रेलवे अधिकारी की आज्ञा के बिना यात्रा नहीं कर सकता। अधिकारी उसके लिए अलग स्थान का प्रबंध करेगा तथा उस व्यक्ति को रेलवे की शर्तों का भी पालन करना होगा। यदि कोई ऐसा व्यक्ति बिना आज्ञा के सफर करता है तो उसका टिकट जब्त कर लिया जाएगा तथा उन्हें रेल से उतार दिया जाएगा।

7.यात्रा ब्रेक

अगर आप 500 किमी से ज्यादा लंबी यात्रा कर रहे हैं, तो बीच में दो दिन यात्रा रोककर फिर आगे की यात्रा कर सकते हैं। पहला ब्रेक कम से कम 300 किमी की यात्रा के बाद होना चाहिए।


8.तत्काल टिकट पर विशेष स्थिति में रिफंड का भी प्रावधान

आमतौर पर आप रेलवे का कन्फर्म तत्काल टिकट कैंसल नहीं कर सकते। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यात्रियों को तत्काल टिकट के बदले रिफंड का भी प्रावधान किया गया है। ये हैं स्थितियां…

अगर ट्रेन तीन घंटे से ज्यादा लेट होती है और आप उसमें सफर नहीं करते।
बंद, रेल रोको और बाढ़ समेत अन्य किसी वजह से ट्रेन कैंसल होती है तो रिफंड मिलेगा।
ट्रेन को बदले हुए यानी डायवर्टेड रूट पर चलाया जाता है और आपका स्टेशन उस रूट पर नहीं पड़ता तो रिफंड देना होगा।
अगर आपका टिकट वातानुकूलित श्रेणी यानी एसी क्लास का है और आपको स्लीपर क्लास में सफर करना पड़ रहा है तो रिफंड क्लेम कर सकते हैं।
अगर आप एसी कोच का टिकट लेते हैं और उसकी एसी खराब है तो इस स्थिति में भी तत्काल टिकट पर रिफंड ले सकता है

इससे सम्बंधित

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button