रांची का सबसे मशहूर इंटर कॉलेज ‘हरिजन’ छात्रों को हिन्दू न मानकर नया धर्म बता दें रहा है एडमिशन
रांची: रांची के एक बड़े नामी गिरामी इंटरमीडिएट कॉलेज ने अपने एडमिशन फॉर्म में जानभूझकर हरिजन व सर्णा को हिन्दू धर्म से अलग बता कर एक नए विवाद को जन्म दें दिया है। झारखण्ड की राजधानी में स्थित Ursuline इंटर कॉलेज के द्वारा करीब 2700 छात्राओं के लिए निकाले गए इस फॉर्म में ऐसी हरकत की गई है। यह फॉर्म कॉलेज की वेबसाइट पर मौजूद है जिसे एडमिशन 2020 के टैब पर जाकर भरा जा सकता है।
फॉर्म को भरने के उपरांत हमने पाया कि यह इंटर कॉलेज बड़ी चालाकी से हरिजन व सरना जाति को हिन्दू धर्म के ऑप्शन से अलग रख रहा है। वहीं गौर करने वाली बात यह है कि दोनों जातियों को इंटरकॉलेज की ओर से अलग धर्मो की तरह बताया गया है। वहीं स्कूल सरेआम जाति को भी भरने को बोल रहा है।
क्रिस्चन मिशिनरी है यह इंटर कॉलेज
वर्ष 1903 में रांची में स्थापित हुए इस मिशनरी कॉलेज की संस्थापक Ursula Greinshade थी। जिन्होंने आदिवासी महिलाओ को शिक्षा देने के मकसद से इस संस्था को झारखण्ड में शुरू किया था लेकिन अब कई कारणों के कारण यह कॉलेज चर्चा में आ चूका है।
शहर के कई लोगो से बात करने पर हमने पाया कि यह इंटर कॉलेज शिक्षा के नाम पर आदिवासियों को क्रिस्चन धर्म में परिवर्तन करता आया है। ऐसे में हरिजन व सरना जाति को अलग धर्म बताने के पीछे भी इस संस्था की सोची समझी राजनीति है।
रिपोर्ट छापने की बात कहने पर मांगी माफ़ी, कहा गलती से हुआ कल सुबह होते ही हो जाएगा एडिट
हमारी टीम द्वारा मैसेज व कई फ़ोन करने के बाद भी पहले तो प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। लेकिन खबर प्रकाशित होने के तुरंत बाद इंटर कॉलेज की ओर से संपर्क साध इसे एक गलती करार दिया गया है। वहीं कॉलेज द्वारा इसे सुबह तक सुधारने की बाते भी कही गई है। ज्ञात हो कि यह कॉलेज पिछले कई वर्षों से हरिजन को अलग धर्म बता दाखिला दे रहा था.
झारखण्ड में आदिवासियों व अनुसूचितजाति की अधिक तादाद होने के कारण हमेशा से धर्म परिवर्तन करने वालो की पहली पसंद यह राज्य रहा है। जिसके बाद Ursuline इंटर कॉलेज के इस तरह के एडमिशन फॉर्म ने शक को और गहरा कर दिया है।
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