Falana Report

एक्वालिटी लैब के अंतर्राष्ट्रीय शो में चंद्रशेखर ने रखे बेहद फर्जी आंकड़े, महिला रेप पर भी महिलाओ को किया शर्मशार

यूएस: दबे कुचलो की बातो को जोर शोर से उठाने के लिए व दुनिया भर के बुद्धिजीवियों को एक प्लेटफार्म पर लाकर चर्चा कराने के लिए मशहूर एक्वालिटी लैब संस्था के हाल ही के एक ऑनलाइन शो में भारत से बुलाये गए चंद्रशेखर आज़ाद ने यूएस के पैनेलिस्ट के सामने कई खतरनाक तथ्य रखे है।

दरअसल संस्था ने यूएस के जाने माने एक्टिविस्ट डॉ कोर्नेल वेस्ट, पाक की पहली सिदी एमपी महिला तंजीला कंब्रानी व भारत से दलित नेता चंद्रशेखर आज़ाद को दुनिया में कमजोर तबकों पर बढ़ रहे अत्याचारों पर बोलने के आमंत्रित किया था।

27 जून 2020 को संपन्न हुए इस शो में चंद्रशेखर आज़ाद ने भाजपा सरकार को तानाशाह, न्यायपालिका को ब्राह्मणवादी, मीडिया को भ्रष्ट बताते हुए दलितों के अत्याचारों पर मनगढंत तथ्य रखते हुए कहा कि अगर वह ज्यादा बोलेंगे तो शो पर ही रो देंगे।


चंद्रशेखर ने डॉ कोर्नेल वेस्ट को इम्प्रेस करने के चक्कर में और दलितों के अत्याचारों को चार बिलांग अधिक बताने की चालाकी में सभी को टोपी पहना डाली। पुरे शो के दौरान हमारे एडिटर्स चंद्रशेखर पर नजर गड़ाए बैठे रहे जिसके बाद बारी आई फैक्ट चेक की। दरअसल जितनी बाते और फैक्ट चंद्रशेखर ने दुनिया के समक्ष रखे लगभग सभी के सभी पूर्ण से फर्जी निकल गए।

चंद्रशेखर आज़ाद के पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए हमें यह लगभग मालूम था कि भीम आर्मी चीफ जरूर कुछ न कुछ आग उगलेंगे लेकिन इस बार तो उन्होंने आग उगलने के साथ झूठ के गोले भी बराबर दागे है।

ऐसे ही दिए अपने पहले ही फैक्ट में चंद्रशेखर ने कहा कि 86 प्रतिशत दलितों पर 1 गज़ ज़मीन भी नहीं है। जिसपर अन्य पैनेलिस्ट ने दुःख जाहिर किया।

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने Socio Economic and Caste Census 2011 को खंगालना शुरू कर दिया। इस सेन्सस कि रिपोर्ट ने चंद्रशेखर के सभी दावों को शूली पर टांग दिया। रिपोर्ट के मुताबिक करीब 45 प्रतिशत अनुसूचितजाति के पास अपनी ज़मीन नहीं है वही आदिवासियों के लिए यह आंकड़ा 30 प्रतिशत से भी कम है।

ऐसे में आंकड़ों को इतना बढ़ा चढ़ा कर बताकर चंद्रशेखर आज़ाद अपनी सस्ती लोकप्रियता और राजनीती चमकाने के चक्कर में जानबूझकर भारत कि छवि भी धूमिल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “भारत में दलित जी नहीं रहे बस किसी तरह सर्वाइव कर रहे है क्यूंकि वो पैदा हो गए है दुनिया में इसलिए अपने जीवन को वो किसी तरह चला रहे है “।

वहीं आगे बोलते हुए चंद्रशेखर पेश किये अपने अगले आंकड़ों को भी गोल कर गए। इस बार तो मामला महिला सम्मान से जुड़ा था। भीम आर्मी चीफ ने कहा कि ” मैं एक कड़वी बात बता रहा हूँ भारत में हर 6 घंटो में एक दलित महिला का रेप होता है, हम यहाँ गुलामो की ज़िन्दगी जी रहे है”।

भीम आर्मी ने भारत की छवि इस तरह प्रोजेक्ट करने की कोशिश करी जिसमे देश को स्लेव प्रथा को आगे बढ़ाने वाला दिखाया गया है। चंद्रशेखर का यह दावा बेहद सवेंदनशील था इसलिए इसकी गहन जांच तो बनती थी। जाँच करने में हमें एक रिपोर्ट हाथ लगी जिसे सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था।

NCRB के इन आंकड़े को आधार मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 2016 में कुल 38,947 बलात्कार की घटना देखने को मिली थी जिसके मुताबिक हर छह घंटे में एक महिला का रेप होता है।

रिपोर्ट में सभी वर्ग व धर्म की महिला शामिल थी जिसमे विदेशी महिलाये भी शामिल की गई थी। ऐसे में अपनी राजनीती चमकाने के लिए भीम आर्मी चीफ ने रेप पीड़ितों को भी सिर्फ दलित बना डाला।

चंद्रशेखर आज़ाद पुरे शो के दौरान झूठ पर झूठ बोलते गए और सांत्वना बटोरते गए। ऐसे में रेप पीड़ितों पर भी गलत व बेहद आपत्तिजनक आंकड़े पेश कर भीम आर्मी चीफ ने आज एक बार फिर दिखा दिया कि उनकी राजनीती का महिला सम्मान से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है।

आगे CAA पर गलत सवाल पूछने पर भी चंद्रशेखर ने पैनेलिस्ट को सही करना सही नहीं समझा व उनकी हाँ में हाँ मिलाते हुए गलत आंकड़े बोलते चले गए ।

दरअसल ऐंकर ने बोला कि कैसे CAA भारत के मुसलमानो कि नागरिकता छिनेगा उसपर कुछ बोलिये तो भीम आर्मी चीफ ने ये कहने की बजाये कि यह कानून नागरिकता लेने नहीं देने का है उसपर सविधान को सामने लेकर कानून को दलितों व मुसलमानो के खिलाफ बता दिया। उन्होंने कहा कि यह कानून देश से मुसलमानो को बाहर निकाल देगा।

पुरे शो में चंद्रशेखर के झूठ की लिस्ट इतनी लम्बी है कि हमें पुरे फैक्ट खंगालने में ही घंटो का समय लग गया जिसे यहाँ लिखना भी संभव नहीं है।

अपने ऊपर NSA लगने पर सांत्वना लूटने की लालसा ने चंद्रशेखर आज़ाद ने बातो को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया। चंद्रशेखर ने लिखा कि उनपर NSA इसलिए लगा दिया गया क्यूंकि जो सहारनपुर में उनके दलित भाइयो को तलवारों से काटा गया और 50 से अधिक घरो को जला दिया गया था उसपर उन्होंने आवाज उठाई थी। जबकि ऐसा कोई मामला हमें लाख खोजने पर भी नहीं मिला। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ठाकुर व दलित के एक परिवार में किसी मसले को लेकर छोटी सी झड़प हुई थी जिसमे हुई पत्थरबाजी में कुल 10 लोग घायल हो गए थे।

जिसके बाद सहारनपुर में दंगे भड़क उठे थे। इसमें न किसी को तलवार से काटे जाने का मसला था जिसे यह जेनोसाइड दिखाने का प्रयास कर रहे थे और न ही किसी दलित का घर जलाया गया था जिसमे भीम आर्मी चीफ 50 से अधिक दलित घरो को जलाने की झूठी कहानी सुना रहे थे।

ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अगर भारत की ओर से कोई विपक्ष का नेता भी जाता है तो वो वहां अपने देश को डिफेंड करने का प्रयास करता है लेकिन चंद्रशेखर डिफेंड तो क्या अपने मनमुताबिक मनगढंत, झूठे व भारत को एक अत्याचारी देश करार देने में लगे थे।

दरअसल ऐसे नेता अपने वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए देश की छवि को भी धूमिल करने से भी परहेज नहीं करते है। ऐसा पहली बार नहीं है जब भीम आर्मी चीफ फर्जी आंकड़े व महिला सम्मान से खेल रहे हो बल्कि इससे पहले भी इनके ट्वीटर अकाउंट से आपको हिंसा भड़काने वाले सैकड़ो फर्जी ट्वीट मिल जायेंगे जिसपर हमारी टीम पहले भी कई रिपोर्ट बना चुकी है।


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