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राम के बचपन से राज्याभिषेक तक की मूर्तियां बना रहे थे रंजीत मंडल, 7 साल बाद राममंदिर का सपना पूरा !

अयोध्या: राम भक्त ने कई सालों से भगवान उनके लिए कर रहे काम को साकार करने का मौका मिला है।

देश आने वाले 5 अगस्त को उस क्षण का गवाह बनेगा जिसका कई सदियों से इंतजार था। अर्थात राम लला का भूमि पूजन होगा। देश भर में राम भक्त अपने अपने तरीके से सियापति का आगमन पर तैयारियां कर रहे हैं।

असम के एक मूर्तिकार रणजीत मंडल भगवान राम के जीवन लीला पर उनकी हर उम्र की मूर्तियां बना रहे हैं। रणजीत भगवान के बचपन से राज्याभिषेक तक भगवान राम की यात्रा का चित्रण कर रहे हैं। उनकी प्रतिमाओं को राम मंदिर के प्रांगण में रखा जाएगा।

भगवान राम के लिए सालों से अपनी कलाकारी के जरिए साक्षात्कार करने की खुशी में रणजीत ने कहा कि “मैं अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता। मैंने यह काम 2013 में शुरू किया था।”

इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने भी काफी विशेष तैयारियां करी ली हैं। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक VHP के विशिष्टमंडल देवभूमि उत्तराखंड के बद्रीनाथ से पवित्र मिट्टी भेेेज रहा है।

इसके अलावा पवित्र अलकनंदा नदी से जल राम मंदिर के शिलान्यास समारोह के लिए यूपी के अयोध्या भेजा जा रहा है। बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के एक प्रतिनिधिमंडल ने मिट्टी और पानी के साथ अयोध्या के लिए कल प्रस्थान किया है। यह समारोह 5 अगस्त को आयोजित किया जाना है।

राम मंदिर भूमि पूजन के लिए विशेष तौर पर देश के आठ हजार स्थानों की पवित्र मिट्टी और जल का उपयोग किया जाएगा।

भूमि पूजन में परशुराम की भूमि की भी माटी:

इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण नेता व पूर्व कांग्रेस मंत्री जितिन प्रसाद ने ब्राह्मण समुदाय के पूज्य परशुराम जी से संबंधित स्थानों की मिट्टी व जल भी भूमिपूजन में शामिल करने की माँग की है।

एक बयान में कांग्रेस नेता प्रसाद ने कहा कि “जिस तरह बड़े मंदिरो व पवित्र नदियों का जल मन्दिर निर्माण में शामिल है, ठीक उसी प्रकार ब्राह्मण समाज के आराध्यदेव भगवान परशुराम जी से जुड़ी जन्मस्थली की मिट्टी भी निर्माण में शामिल की जाए।”

उधर उत्तर प्रदेश में श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियां चल रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। इस अवसर पर वे अयोध्या में विकास कार्यों का भी शुभारंभ करेंगे।

सोने चांदी की बजाय धन दान करें: ट्रस्ट

वहीं श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी चंपत राय ने राम भक्तों से विशेष अपील में कहा कि “अनेक श्रद्धालु चाँदी की शिलाएँ लेकर अयोध्या आ रहे हैं। बहुत से लोग सोना भी दान करना चाहते हैं। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए इस समय धन की ज़रूरत है। इसलिए सब भक्तों से आग्रह है कि उस सोने-चाँदी के स्थान पर पैसे का दान करें।”


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