दुराचार

आरक्षण ख़त्म करने की याचिका SC में डालने वाले दलित युवक को मिल रही है जान से मारने की धमकियां

रामपुरा: मध्यप्रदेश के रामपुरा गाँव से आने वाले दलित युवक विक्रम बागड़े पिछले दिनों बेहद चर्चा में रहे थे। इस दलित युवक ने आरक्षण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर आरक्षण को समाप्त करने की मांग की थी।

इस मांग को आंदोलन में बदलने के लिए विक्रम बागड़े के कई दलित साथी सोशल मीडिया पर एक कैंपेन भी चला रहे है जो कई दलित संगठनों को अब खटकने लगा है। जिसके कारण विक्रम बागड़े को कई दलित संगठनों से जुड़े लोगो ने जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दी है।

दरअसल यूट्यूब पर अपना चैनल “एक सामान शिक्षा एक सामान अवसर” चलाने वाले विक्रम दलित युवको को आरक्षण के दुष्परिणामों से अवगत कराने का कार्य कर रहे है। जिससे चिड़े कई दलित संगठनों के लोगो ने अब विक्रम को धमकाना शुरू कर दिया है। ऐसे ही एक प्रकरण में विक्रम को अन्य दलित युवक ‘ताशी दांते’ ने जान से मारने की धमकी दी है।

धमकी में दांते ने कहा “अबे चूतिये जिन बाबा साहब की वजह से तुझे आज हक़ मिला है यहाँ यूट्यूब पे बकवास करने का तेरी इतनी मजाल की तू उनका अपमान करे तू जहा भी मंदसौर में रहता है बचा रहिओ क्यूंकि तुझे पेलने के लिए और तेरी ज़िन्दगी बर्बाद करने के लिए पूरी टीम आ रही है वहां रुक जा तू तेरी हिम्मत कैसे हो गई “

विक्रम बागड़े ने वीडियो में ऐसा क्या कहा था
Jun 10, 2020 को यूट्यूब पर डाले एक वीडियो में विक्रम बागड़े ने मांग उठाई थी कि जो अभी अनुसूचित जाति व जनजाति के बच्चे प्राइवेट स्कूल या अच्छे इंस्टिट्यूट में पढ़ते है उनका आरक्षण तत्काल ख़त्म करना चाहिए।

साथ ही विक्रम ने मांग उठाते हुए कहा कि अफसरों व सरकारी नौकरी प्राप्त दलितों का आरक्षण भी समाप्त कर देना चाहिए। जिसके कारण विक्रम को समाज से मिल रहे समर्थन से डरे दलित संगठनों ने अब इस दलित युवा को धमकाना शुरू कर दिया है ताकि यह अपनी आवाज बुलंद करना छोड़ दे।

वहीं धमकियां मिलने के बाद विक्रम के घर वाले भी काफी डरे हुए है जिससे विक्रम पर इस आंदोलन को छोड़ने का दबाव बन रहा है। ऐसे में प्रशासन व सामाजिक कार्यकर्ताओ से विक्रम बागड़े को मदद की दरकार है।

धमकाने का मामला सिर्फ यूट्यूब तक ही सिमित नहीं है बल्कि फेसबुक पर भी उन्हें कई व्यक्तियों से धमकियां मिली है जिसमे उन्हें जान से ख़त्म करने तक का वादा किया जा रहा है।

विक्रम बागड़े के समाज में सच को उजागर करने पर दलित संगठनों द्वारा किये जा रहे शोषण पर विक्रम ने रामपुरा नीमच थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए अर्जी दाखिल करी है लेकिन हमसे हुई बातचीत मे विक्रम ने बताया कि पुलिस ने मामला तक दर्ज नहीं किया है। सिर्फ चिट्टी लेकर कानाफूसी की गई है।

A copy of complaint has been submitted by Vikram Bagde to the police station

वहीं संस्था युथ फॉर एकॉलिटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ कौशल कांत ने विक्रम बागड़े को हर संभव मदद पहुंचाने का वादा किया है। फलाना दिखाना के साथ हुई बातचीत पर डॉ कौशल कांत ने एसपी से जल्द संज्ञान दिलाने का भरोसा दिया है व विक्रम को सुरक्षा प्रदान कराने की भी उम्मीद जताई है।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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