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व्यक्ति को आरक्षण ज़िन्दगी में सिर्फ एक बार मिले, मुफ्त शिक्षा से ख़त्म होगा आरक्षण: अरविन्द केजरीवाल

नई दिल्ली: आरक्षण पर बोलने से भी डरने वाली इस राजनीती के बीच जहां कांग्रेस व भाजपा दोनों ही अपने को आरक्षण का पूर्ण पक्षधर बताती है तो वही आम आदमी पार्टी अपने स्वराज के माध्यम से आरक्षण को लेकर एक सकारात्मक नजरिये को पेश कर रही है।

दरअसल आरक्षण पर हमारी रिसर्च टीम ने अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के एक ऐसे ही ठोस नजरिये को खोद निकाला है।

जिसपर अरविन्द केजरीवाल ने आरक्षण को लेकर अपनी पार्टी के रुख को साफ़ किया था। हालाँकि उनके अनुसार मीडिया ने कभी उनके इस नजरिये को तवज्जो देनी सही नहीं समझा। आरक्षण पर केजरीवाल का यह रुख वर्ष 2013 में उनके स्वराज में दर्ज किया गया था जिसकी जानकारी उन्होंने 20 जनवरी को 2013 के लाइव यूटुब सेशन में स्वराज पर चर्चा के दौरान दी थी।

क्या कहते है आरक्षण पर अरविन्द केजरीवाल
दिल्ली मुखिया अरविन्द केजरीवाल के अनुसार अगर एक बार किसी को आरक्षण दे दिया जाए तो फिर दुबारा उसे आरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

उन्होंने इन बातों को अपनी पार्टी के स्वराज में भी जगह दी है। केजरीवाल का मानना है कि अगर आरक्षण को लोगो को एक ही बार दिया जाएगा तो इससे वह लोग अगली बार अनारक्षित श्रेणी में आ जायेंगे जिससे एक दिन वह खुद आरक्षण छोड़ने की वकालत करेंगे।

आपको बता दे कि अरविन्द केजरीवाल को इससे पहले आरक्षण विरोधी संस्था यूथ ऑफर इक्वलिटी के साथ काम करने के लिए भी जाना जाता गया है। जिसपर अरविन्द केजरीवाल ने कभी खुलकर बाते नहीं करी है।

आगे आरक्षण पर चर्चा करते हुए वीडियो में केजरीवाल ने कहा कि हमें मुफ्त उच्च स्तरीय शिक्षा पर जोर देना चाहिए जिससे हमारे दलित भाई समाज में काबिल बन कर खुद आरक्षण छोड़ने के लिए आगे आये।

उन्होंने अपने आईआरएस बैच के कुछ साथियो का हवाला देते हुए बताया कि वह ऐसे कई दोस्तों को जानते है जिन्होंने कोई आरक्षण नहीं लिया है व अपनी मेहनत से नौकरी में आये है।

केजरीवाल का यह वीडियो आम आदमी पार्टी के गठन के बाद का है जिसमे वह दिल्ली की चुनावी तैयारियों में लगे हुए थे। अपनी पार्टी के स्वराज को बताते हुए यह बाते उन्होंने सबके सामने रखी थी।

वहीं दिल्ली से विधायक व आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडेय ने भी आरक्षण को समय के साथ ख़त्म करने का समर्थन किया है। उनके एक ट्वीट में उन्होंने लिखा “अभी के लिए आरक्षण को रहने दीजिये लेकिन हमें वक़्त के साथ सभी के लिए इतने अवसरों को पैदा करना होगा ताकि आरक्षण की कोई जरुरत ही न पड़े”।


यह ट्वीट उन्होंने वर्ष 2013 में किया था। दिलचस्प बात यह है कि आरक्षण पर दोनों नेताओ ने अपना रुख दिल्ली चुनावो से ठीक पहले रखा था इसलिए यह भी नहीं कहा जा सकता कि यह राजनीती में आने से पहले के विचार है।

वहीं एक अन्य ट्वीट में दिलीप पांडेय ने आर्थिक आरक्षण दिए जाने का समर्थन करते हुए लिखा “आरक्षण को किसी व्यक्ति को ज़िन्दगी में एक बार ही देना चाहिए परन्तु हमें दूसरे आधारों पर भी आरक्षण देना चाहिए”।


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Why Harsh Meena is writing this piece?
Harsh Meena is a student of journalism at the University of Delhi. He reads and writes Dalit politics for exposing the venom spread by the so-called Dalit organizations. Besides, he is known for being vocal about the forceful conversions of the Hindu Dalits. Fun Fact, Dalit organizations hate him for exposing their nexus with Jay Meem!

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