फौजी उमेश : जयहिंद बोलने में हया नहीं क्योंकि हम रोज नहीं होते
भारतीय सेना के जवान उमेश नें साझा की जंगल में 2 सैनिकों द्वारा चाय बनाने की तस्वीर, लिखा "बनी है चाय तो पहुंचेगी तुम तक..."
नईदिल्ली : भारतीय सेना के जवान नें अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट से कुछ पंक्तियां साझा की जो काफ़ी कुछ कहती है कि इन ठिठुरती शर्दी के दिनों में एक फौजी कैसे अपनी जिंदगी जीता है ?
फौजी की चाय सिर्फ चाय नहीं होती : फौजी उमेश
भारतीय सेना में एडिशनल डायरेक्टोरेट आफ पब्लिक इनफार्मेशन के पद पर भारत की सेवा कर रहे उमेश नें अपने सोशल मीडिया से एक बेहतरीन लाइन साझा की |
इसके साथ ही उसमें 2 फौजियों की तस्वीर भी है जो बेहद कड़ाके की ठंड में अपने को ठंड से बचाने के लिए जंगलों में वो दोनों चूल्हे में चाय बना रहे हैं |
उमेश नें लिखा कि
बनी है चाय तो, पहुंचेगी तुम तक; फौजी की चाय सिर्फ चाय नहीं होती |
जंगल की खुशबू, अदरक संग मिलेगी; चाय के स्वाद में दो राय नहीं होती ||
फिर नीचे उमेश नें लिखा कि दोस्तों जयहिंद बोलने में हया नहीं करना क्योंकि हम लोगों से हर दिन हैलो हाय नहीं होती |