छपाक को पीटने वाली तानाजी के बाद अजय देवगन अब गलवान योद्धाओं पर बनाएंगे फ़िल्म !
मुंबई : कारगिल युद्ध पर सेना का शौर्य दिखाने वाले अजय देवगन अब नए अवतार में दिखेंगे।
भारत चीन सीमा विवाद के बीच कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लद्दाख में भारत-चीन टकराव का जवाब देने के लिए लेह का दौरा किया गया। दौरे के एक दिन बाद, एक घोषणा की जाती है कि गलवान घाटी संघर्ष की कहानी अब एक हिंदी फिल्म में बदलने के लिए तैयार है।
दरअसल बॉलीवुड के नामचीन हस्तियों में शामिल अभिनेता अजय देवगन ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि गलवान घाटी संघर्ष पर फ़िल्म का निर्माण करेंगे। अजय देवगन अंतिम बार फिल्म तानाजी: ‘द अनसंग वारियर’ में मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे के रूप में दिखे थे। तानाजी नें JNU दौरे से विवादों में फँसी दीपिका पादुकोण की तत्कालीन फ़िल्म छपाक को पीट दिया था। कई सैकड़ों की कमाई कर तानाजी नें दीपिका की छपाक को फ्लॉप करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
अब अजय देवगन अपने नए प्रोजेक्ट के साथ गलवान टकराव की कहानी को आगे लाने के लिए तैयार हैं। उनकी एक और फिल्म ‘भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया’ भी है, जिसे 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर विजय कर्णिक के जीवन की सच्ची कहानी के रूप में भी जाना जाता है।
गाल्वन घाटी संघर्ष पर फिल्म के लिए कलाकारों और टीम का अभी भी अंतिम रूप देने में हैं। कोरोना वायरस की स्थिति सही होने के बाद फिल्म की शूटिंग शुरू होगी। ये फ़िल्म अजय देवगन फिल्म्स एंड सेलेक्ट मीडिया होल्डिंग्स एलएलपी ने हालिया गलवान घाटी की घटना के दौरान हमारी भारतीय सेना की ताकत दिखाने के लिए हाथ मिलाया है!
Another story of bravery comes in our way! @ADFF & #SelectMediaHoldings to come back after #BhujThePrideOfIndia to showcase the courageous story of the 20 soldiers who lost their lives during the #GalwanValley incident.
@GinnyKhanuja @vajir @ajaydevgn #GalwanValleySoldiers pic.twitter.com/i6xpryZ3X9
— Box Office India (@boxofficeindia) July 4, 2020
अजय देवगन के पूरे फिल्मी करियर को देखा जाए तो अभिनेता-फिल्म निर्माता अजय देवगन ने हमेशा ऐसी फिल्मों या चरित्रों का समर्थन किया है जो वीरता व पराक्रम दर्शाती हैं। अजय देवगन इसके पहले कई देशभक्ति फ़िल्म LOC: कारगिल, द लीजेंड ऑफ भगत सिंह, तन्हाजी, सिंघम और RAID जैसी फ़िल्में की हैं, जो चीन में घुसपैठ के दौरान भारतीय सेना की ताकत, वीरता और बलिदान का प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
गालवान घाटी हाल ही में 15 जून को हमारे सैनिकों पर घात लगाकर हमला किया गया। इस लड़ाई में 16 वीं बिहार रेजिमेंट के 20 भारतीय सैनिकों की मौत हुई, जिसमें इसके कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। घटना के बाद एक डी-एस्केलेशन बैठक में, चीन ने स्वीकार किया कि चीनी कमांडिंग अधिकारी भी मारा गया था। अमेरिकी खुफिया ने कथित तौर पर निष्कर्ष निकाला कि 35 चीनी सैनिक मारे गए थे।
Donate to Falana DIkhana: यह न्यूज़ पोर्टल दिल्ली विश्विद्यालय के मीडिया छात्र अपनी ‘पॉकेट मनी’ से चला रहे है। जहां बड़े बड़े विश्विद्यालयों के छात्र वामपंथी विचारधारा के समर्थक बनते जा रहे है तो वही हमारा पोर्टल ‘राष्ट्रवाद’ को सशक्त करता है। वही दिल्ली विश्विद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ रहे हमारे युवा एडिटर्स देश में घट रही असामाजिक ताकतों के खिलाफ लेख लिखने से पीछे नहीं हटते बस हमें आशा है तो आपके छोटे से सहयोग की। यदि आप भी हम छात्रों को मजबूती देना चाहते है तो कम से कम 1 रूपए का सहयोग अवश्य करे। Paytm, PhonePe, Bhim UPI, Jio Money, व अन्य किसी वॉलेट से से डोनेट करने के लिए PAY NOW को दबाने के बाद अमाउंट व मोबाइल नंबर डाले फिर ‘Other’ में जाकर वॉलेट ऑप्शन चूज करे। सादर धन्यवाद, ‘जयतु भारतम’
Why Shivendra Tiwari is writing this piece?
Shivendra Tiwari is a student of journalism at the University of Delhi. Shivendra comes from a very remote village of Riwa situated in Madhya Pradesh. Shivendra’s knowledge about regional and rural politics defines his excellence over the subject. Apart from FD, he writes for ‘Academics 4 Namo’ and ‘Academics for Nation’ to express the clear picture of right-wing in the rural areas. Moreover, Tiwari Ji is from a science background and had scored more than 95% in his intermediate exams!