‘सिर्फ हिंदू मंदिर ही नियंत्रण में हैं’: कर्नाटक सरकार मंदिरों को मुक्त करने के लिए बनाएगी कानून
हुबली: हिंदू संगठनों की लंबी माँग के बीच कर्नाटक की भाजपा सरकार जल्द ही हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए कानून बना सकती है।
राज्य के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई हुबली में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने अपने समापन संबोधन में राज्य सरकार के तहत आने वाले मंदिरों को जल्द ही मुक्त करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने सभा में कहा, “केवल हमारे हिंदू मंदिर ही कई नियंत्रण में हैं। यह स्पष्ट है कि हमारी सरकार मंदिरों की आय को मंदिरों में उपयोग करने के कार्य को लागू करेगी ताकि मंदिर के राजस्व को कहीं और न लगाया जाए। मंदिरों को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति होगी।”
आगे उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिर विभिन्न प्रकार के नियंत्रण उपनियमों और नियमों के अधीन हैं। हमारे मंदिरों को इस तरह के प्रतिबंधों से मुक्त करने के लिए एक कानून बनाया जाएगा।
विधानसभा के बजट सत्र से पहले विधेयक
उन्होंने कहा, “कर्नाटक सरकार हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए कदम उठाएगी। विधानसभा के बजट सत्र से पहले इस आशय का विधेयक लाएगी।”
उत्तराखंड के बाद आया फैसला
माना जा रहा है कि कर्नाटक सरकार का यह निर्णय उत्तराखंड सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए निर्णय से प्रेरित है। बता दें कि 3 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विवादित चारधाम मंदिर प्रबंधन परिषद अधिनियम को रद्द कर दिया। इसने चारधामों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ सहित 53 मंदिरों को मुक्त कर दिए।