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कोरोना के चलते आंध्र प्रदेश में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने पर कड़े प्रतिबंध, BJP ने जताया विरोध

नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार प्रत्येक वर्ष पूरे देश में धूम धाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में खास तौर पर बड़े धूमधाम से यह त्यौहार मनाया जाता है। भक्तगण भगवान गणेश को पंडालों में सजाकर स्थापित करते है, एवं उनकी पूजा अर्चना करते हैं। इस बार 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

इस बार कोरोना संक्रमण के चलते में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। आंध्र प्रदेश में इस बार पंडालों को अनुमति नहीं दी गई है। भक्तगण इस बार मूर्ति विसर्जन के लिए जुलूस भी नहीं निकाल सकेंगे। राज्य सरकार ने सितंबर से शुरू हो रहे 21 दिवसीय उत्सव के लिए सार्वजनिक समारोहों की अनुमति नहीं देने का फैसला लिया है। राज्य सरकार अपने निर्णय के लिए कोविड महामारी और केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का हवाला दे रही है। गणेश चतुर्थी उत्सव पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की वजह से भक्तों में नाराजगी है।

राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए, भाजपा ने सार्वजनिक उत्सव आयोजित करने की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सोमवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने राज्य भर के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस बीच, श्रीनिवास ने लोगों को भड़काने और राज्य में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने के खिलाफ भाजपा को चेतावनी दी है। मंत्री को जवाब देते हुए, भाजपा के वरिष्ठ नेता सोमू वीरराजू ने राज्य सरकार पर हिंदुओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।

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