FD की पड़ताल पर मुहर: डीजे पर युवती को नचाने व आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को विवेचना में पाया फर्जी
हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के चर्चित आत्महत्या मामले में पूर्व प्रधान समेत नामजद सातों आरोपियों को विवेचना अधिकारी ने जांच में निर्दोष पाया। दरअसल 20 जून को एक 20 वर्षीय लड़की ने आत्महत्या कर ली थी। जिस पर लड़की के परिजनों ने पूर्व सरपंच के बेटे समेत गांव के 6 लोगों पर लड़की को जबरन डीजे पर नचाने और छेड़खानी करने का आरोप लगाया था। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह ने सीजेएम न्यायालय में दाखिल विवेचना में बताया खड़ाखर निवासी राममिलन राजपूत ने 21 जून को विकास, चंद्रभान, सचिन, सनी, बलराम, पंकज और शिवाकांत के विरुद्ध बेटी दीपा को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में 19 जून की शाम आरोपियों पर एक राय होकर दीपा को पूर्व में दर्ज मुकदमा वापस लेने व धमकाने की बात कही थी इस पर दीपा ने 20 जून को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
इस मामले के विवेचक ने सीएसजेएम न्यायालय में अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट दाखिल कर सभी को रिहा करने की अर्जी लगाई जिस पर आरोपियों को सीजेएम अदालत ने रिहा करने का आदेश दिया।
विवेचना अधिकारी ने नियो पॉलिटीको की रिपोर्ट पर लगाई मुहर
आत्महत्या मामले की पड़ताल हमारी टीम ने खड़ाखर गांव जाकर की थी जहां पर हमें कुछ अहम तथ्य मिले थे। जिन तथ्यों पर अब विवेचना अधिकारी ने भी मुहर लगा दी है। दरअसल लड़की के परिजनों द्वारा दावा किया गया था कि 3 मई को उसे जबरन डीजे पर नचाने के लिए मजबूर किया गया था। जबकि लड़की ने 20 जून को आत्महत्या की थी। साथ ही हमने अपनी पड़ताल में पाया कि छेड़छाड़ के आरोप भी झूठे हैं।
घटना से संबंधित एक वीडियो भी हमें मिला था, जिसमें मृतक लड़की को अपने चाचा के घर जाते हुए देखा जा सकता है। किसी ने उन्हें बाधित नहीं किया और ना ही उन्हें डीजे पर डांस करने के लिए मजबूर किया था। उस समय डीजे पर छोटे-छोटे बच्चे ही डांस कर रहे थे।
इसके अलावा यह हमारी टीम द्वारा देखा गया कि दीपा नाम की मृत लड़की लड़के औसेंद्र राजपूत के साथ रिश्ते में थी। ग्रामीणों का दावा था कि औसेंद्र से अलग होने के दर्द के कारण उसने आत्महत्या की थी। 2 दिन पहले जब लड़की ने खुदकुशी की थी तो उसके कथित प्रेमी ने दूसरी लड़की से शादी कर ली थी। 18 जून को औसेंद्र ने दूसरी लड़की से शादी कर ली और शादी के 2 दिन बाद दीपा ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। दीपा की कॉल डिटेल्स से भी इस बात के संकेत मिले हैं कि वह लड़के के साथ रिलेशनशिप में थी। कॉल डिटेल्स से पता चला कि दोनों के बीच घंटों बात हुई थी।
विवेचना अधिकारी की रिपोर्ट
विवेचक ने अदालत को बताया साक्ष्यों में मृतका दीपा व गवाह औसेंद्र के मोबाइल नंबरों की सीडीआर हुआ मैसेज के विश्लेषण रिपोर्ट से प्रमाणित हुआ कि, पूर्व के मुकदमों में नामित आरोपी पूर्व प्रधान बल्ले उर्फ बलराम तिवारी की मां पार्वती से मुकदमे के वादी राममिलन के परिवारी मान कुंवर पत्नी निर्गत सिंह चुनाव हार गई थी। इस बार ग्राम पंचायत का चुनाव आरोपी पक्ष का प्रमोद अहिरवार जीता है। विवेचना में आया दीपा के प्रेम संबंध औसेंद्र निवासी रिहूटा से थे।
मगर औसेंद्र की शादी दूसरी जगह हो गई थी जिसके कारण दीपा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके चलते पुरानी रंजिश में विकास, चंद्रभान एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। विवेचक ने कहा उक्त लोगों के विरुद्ध कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। पंचायत चुनाव की मतगणना के बाद डीजे बजाते समय रास्ते को लेकर जो विवाद हुआ था, उस समय भी मुकदमा रंजिश के कारण ही लिखवाया गया था।
विवेचक ने अदालत से साक्ष्य के अभाव में आरोपियों की न्यायिक अभिरक्षा रिमांड निरस्त कर उन्हें रिहा किए जाने की मांग की। अदालत ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर न्यायिक अभिरक्षा रिमांड निरस्त कर नामजद आरोपियों को रिहा किए जाने का आदेश पारित किया है।
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