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“माता रानी के कारण मैं बाहर हूँ, इंसानो ने तो बहुत नाइंसाफी की है साहब” जेल से बाहर आने पर बोले विष्णु तिवारी

नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झूठे एससी एसटी एक्ट के मामले में 20 साल जेल में बिताने वाले विष्णु तिवारी के केस को मुख्यता से उठाया है। आयोग ने एक पत्र लिखकर 6 हफ्तों के भीतर विष्णु तिवारी केस में उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता की जानकारी मांगी है। साथ ही इस झूठे मुक़दमे के लिए दोषी अफसरों पर की जाने वाली कार्यवाई की भी पूरी जानकारी देने को कहा है।

अपने पत्र में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले पर विस्तृत रिपोर्ट के लिए नोटिस जारी किया है। रिपोर्ट में इस मामले में जिम्मेदार लोक सेवकों के खिलाफ की गई कार्रवाई और पीड़ित को राहत और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदमों का लेखा झोखा भी माँगा गया है।

आपको बता दें कि मामले को सबसे पहले हमारी टीम द्वारा उठाया गया था जिसपर फलाना दिखाना ने विष्णु के परिवार की दुविधाओं को लेकर एक डाक्यूमेंट्री भी प्रेषित की है। बातचीत में परिजनों ने आरोप लगाया था कि हरिजन एक्ट में मिलने वाले लाभ को देखते हुए जमीनी विवाद के एक पुराने विवाद के कारण विष्णु तिवारी को फसाया गया था। साथ ही दलित दरोगा द्वारा विष्णु को घंटो हवालात में बंद कर पीटने की भी बाते कही थी।

विष्णु तिवारी की गलत आख्या लगाने पर भी आयोग ने सख्ती दिखाई है। 6 हफ्तों के अंदर जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाई की रिपोर्ट देने को कहा गया है।

गम में माँ बाप सहित दो भाई ने छोड़ दी दुनिया
विष्णु तिवारी ने अपने 20 साल के जेल में बिताये गए जीवन को याद करते हुए बताया कि इस बीच उनके माता पिता ने विरह में देह त्याग दिया। दो भाई भी दुःख में दुनिया से चले गए। लेकिन यह सब उन्हें मात्र 6 महीने ज्ञात हो सका था।

केस लड़ने में बिक गयी सारी ज़मीन, जेल में खाना बनाने के कारण हाथो में पड़ गए छाले
विष्णु तिवारी ने आगे बताया कि जेल में उसे खाना बनाने का काम मिला था जिसके चलते उसके हाथो पर छाले पड़ गए है। शरीर के साथ पूरा परिवार भी तबाह हो गया है। उनके पास मात्र 600 रूपए थे जोकि आगरा से ललितपुर आने में खर्च हो गए।

माता रानी जानती थी मैं बेगुनाह हूँ, इसलिए न्याय मिला
विष्णु बताते है कि उन्हें लगने लगा था कि उन्हें जेल में ही अपनी मृत्यु देखनी पड़ेगी लेकिन माता रानी(कुल देवी) कुछ और ही चाहती थी। उन्होंने भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि भगवान के कारण ही आज वह जेल से बाहर खड़े है वर्ना इंसानो ने उनके साथ बहुत नाइंसाफी की है।


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