रिहाना को अपने देश बारबाडोस में किसानों के हाल की नहीं जानकारी, खाद्यान्न बर्बादी से परेशान हैं किसान
ब्रिजटाउन: देश की राजधानी दिल्ली की कई सीमाओं पर लगभग 2 महीनों से ज्यादा कई किसान संगठन केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। वहीं अब इस किसान आंदोलन में विदेशी चेहरे भी कूद पड़े हैं। इन विदेशी चेहरों में सबसे चर्चित हॉलीवुड कलाकार रिहाना हैं। जिन्होंने एक ट्विटर टिप्पणी में कहा कि हम किसान आंदोलन के बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं ?
इसके बाद स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेता थनबर्ग और एडल्ट फिल्म स्टार मिया ख़लीफ़ा ने भी किसान आंदोलन पर टिप्पणी की। हालांकि रिहाना हॉलीवुड सिंगर हैं पर मूलतः बारबाडोस की रहने वाली हैं।
लगातार दो महीने से चल रहे आंदोलन में अचानक हॉलीवुड कलाकार की टिप्पणी से ज्यादातर लोग प्रश्न उठा रहे हैं कि आखिर उन्होंने किस उद्देश्य से इसमें टिप्पणी की। वहीं भारत सरकार ने भी ऐसे सभी कलाकारों को बिना समझे और तथ्य जाने बिना टिप्पणी करने से परहेज करने को कहा हैं।
हालांकि हमने कुछ तथ्य खोज निकाले हैं जिसमें यह पता चलता है कि भले ही रिहाना भारत के आंतरिक मामलों में दखल रही हैं पर उनके खुद के मूल देश में ही किसानों की स्थिति अच्छी नहीं है। दरअसल बारबाडोस के प्रमुख मीडिया बारबाडोस टुडे की हालिया रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि वहां के किसान संगठन खाद्यान्न की खराबी को लेकर बेहद चिंतित हैं।
गौरतलब है कि बारबाडोस की मौजूदा आबादी 2.8 लाख के करीब है। और यहां किसानों की संख्या 17 हजार के करीब है जिसमें 15 हजार के करीब 1 हेक्टेयर से कम वाले किसान हैं। देश मुख्यतः गन्ने की खेती करता है।
बारबाडोस एग्रीकल्चर सोसाइटी (बीएएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेम्स पॉल कहते हैं कि “लॉक डाउन के दौरान अपनी उपज को बेच पाने के कारण किसानों के लिए कुछ चुनौतियां हो सकती हैं। जबकि सरकार द्वारा किसानों की सहायता मांगी जाएगी क्योंकि यह 3-17 फरवरी के देशव्यापी लॉक डाउन के दौरान कमजोर और वंचित व्यक्तियों को अनुमानित 60,000 रिआयत पैकेज वितरित करने की दिशा में काम करेगा। किसानों को अपनी उपज को दूसरी जगह बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
पॉल के अनुसार, “कुछ फसलें और उत्पाद दो सप्ताह के रोक का सामना कर सकते हैं, जबकि कई अन्य सड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि “बात यह है कि ऐसा लगता है किसान नहीं बेच पाएगा जैसा कि उन्होंने पिछले लॉकडाउन में किया था, यह खुद कुछ व्यक्तियों के लिए समस्याग्रस्त होने वाला है।”
आगे कहा कि “कुछ मामलों में, यदि उनके पास घर पर वितरित करने की क्षमता नहीं है, तो यह एक और मुद्दा है। यह वहां के कुछ किसानों के लिए चुनौतियां पैदा करेगा। उदाहरण के लिए, कुछ छोटे अंडे उत्पादक हैं, उनके पास 1000 चूजे हो सकते हैं जो रोजाना अंडे देते हैं और अपने आप में कुछ चुनौतियों का सामना उन किसानों को कर सकते हैं जो होम डिलीवरी सेवाएं नहीं तैयार कर सकेंगे।”
पॉल ने बताया कि “अंडे व सलाद एक खराब होने वाली वस्तु है। यदि वे निश्चित रूप से उनसे छुटकारा नहीं पा सकते हैं तो वे खराब हो सकते हैं, एक संभावना है।”