घण्टों की सर्जरी के दौरान महिला पढ़ती रही गीता श्लोक, सर्जरी सफल, डॉक्टर अचम्भित
अहमदाबाद के हास्पिटल में एक अद्भुत मरीज का केस देखने को मिला. जहाँ श्रद्धा, और भक्ति भाव होता है वहां शंका या भ्रम का कोई स्थान नही होता है आज के वर्तमान समय में हम कई तरह के लोगों को देख सकतें है आस्तिक, नास्तिक और और भी कई तरह के हो सकते हैं.
यह मामला गुजरात राज्य के अहमदाबाद के एक अस्पताल में सामने आया. जहां 36 वर्षीय महिला मरीज दया भरतभाई बुधेलिया को मस्तिष्क में खिंचाव की शिकायत हुई तब मेडिकल जांच में उनके मस्तिष्क में गांठ होने की बात सामने आई. गांठ जिस जगह थी, उससे लकवा होने का खतरा बढ़ सकता था.
ईश्वर के प्रति अद्भुत भक्ति:
जहाँ हास्पिटल के न्यूरो सर्जन डाॅ. कल्पेश शाह और उनकी टीम सर्जरी की तैयारी में जुट गए सर्जरी गंभीर थी, इसलिए मरीज का होश में रहना जरूरी था इस दौरान उन्हें अवेक एनेस्थेसिया दिया गया था, जिससे वह होश में रहे। जिसके बाद सर्जरी करने के दौरान एक आश्चर्य कर देने वाला द्रश्य सामने आया.
डाॅ. शाह और उनकी टीम मरीज दया भरतभाई बुधेलिया का आपरेशन कर रहे थे सर्जरी गंभीर थी, जब यह बात दयाबेन को बताई गई तो उन्होंने डॉक्टर्स से गीता के श्लोक बोलने की मंजूरी मांगी. आपरेशन में 1 घंटे से ज्यादा का समय लगा सर्जरी पूरी होने तक दयाबेन श्लोकों का जाप करती रहीं और डाॅक्टरों के द्वारा उनकी सफल सर्जरी की गई.
डाॅक्टर भी हैरान:
इस तरह की भक्ति भावना को देख कर डाॅक्टर भी हैरान रह गए. 9 हजार से भी ज्यादा ब्रेन ऑपरेशन कर चुके डाॅक्टर शाह का कहना था कि उन्होंने यह पहला ऐसा केस देखा है जहां मरीज के द्वारा लगातार गीता श्लोक का जाप किया जा रहा था जो कि एक अद्भुत अनुभव था.
दयाबेन कहती हैं कि गीता का ज्ञान तो बचपन में ही माता-पिता से मिल गया था. और लागतार इसका अनुसरण करती रही हूँ ईश्वर में मेरी पूर्ण आस्था रही है। और आज ईश्वर की मुझ पर पूरी द्रष्टि रही जिसके फलस्वरूप मेरा ऑपरेशन सफल रहा.
साथ ही दयाबेन के पति भरतभाई ने बताया कि ब्रेनट्यूमर होने की बात सुनते ही सभी लोग घबरा गए हमारा ईश्वर में विश्वास और आपरेशन के दौरान दया को गीता श्लोक गुनगुनाते देख ऐसा लगा जैसे स्वयं भगवान उसके समीप खड़े थे और हम सबके साथ थे.